• जिले में पियक्कड़ों की संख्या में भारी उछाल
• देशी १२, विदेशी १६ तथा बीयर की बिक्री में ३१ प्रतिशत की बढ़ोतरी
उदयभान पांडेय / ठाणे
शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है, ये जानने के बाद भी शराब पीनेवालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अकेले ठाणे जिले में पियक्कड़ों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष २०२१-२२ में ठाणेकर जहां साढ़े ८ करोड़ लीटर शराब गटक गए, वहीं वित्त वर्ष २०२२-२३ में यह बढ़कर १० करोड़ १० लाख लीटर हो गया है। इसमें सबसे ज्यादा बीयर में ३१ प्रतिशत, विदेशी शराब में १६ प्रतिशत तथा देशी शराब की बिक्री में १२ प्रतिशत का उछाल आया है। यह जानकारी राज्य उत्पादन शुल्क ठाणे जिला विभागीय अधीक्षक डॉ. नीलेश सांगड़े ने दी है।
राज्य सरकार के राजस्व प्राप्ति में उत्पादन शुल्क विभाग का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहता है। विभाग द्वारा वित्त वर्ष २०२२-२३ में राज्य सरकार की तिजोरी में २१ हजार ५०० करोड़ रुपए जमा करवाया गया है। जानकारी के मुताबिक, वर्ष २०२१-२२ में जहां दो करोड़ ५५ लाख लीटर विदेशी शराब की बिक्री हुई थी, वहीं २०२२-२३ में यह बढ़कर दो करोड़ ९६ लाख ४७ हजार लीटर हो गई यानी विदेशी शराब की बिक्री में १६ प्रतिशत का उछाल आया है।
देशी से ज्यादा महंगी होती है अंग्रेजी शराब
गौरतलब हो कि अंग्रेजी शराब अपेक्षाकृत अधिक महंगी होने के कारण देशी शराब की तरफ पियक्कड़ों का झुकाव बढ़ा है। वर्ष २०२१-२२ में २ करोड़ ५ लाख ५५ हजार लीटर देशी शराब की जहां बिक्री हुई थी, वहीं २०२२-२३ में यह बढ़कर २ करोड़ ३० लाख लीटर हो गई यानी देशी शराब की बिक्री में भी १२ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वाइन पीनेवालों की संख्या कम है, बावजूद १२ लाख लीटर वाइन की बिक्री हुई है। पिछले साल की तुलना में १७ प्रतिशत अधिक है।
देशी या विदेशी शराब पीने के बजाय बीयर पीना ज्यादा अच्छा है, ऐसा अनेक लोगों का मानना है। वर्ष २०२१-२२ में तीन करोड़ ६० लाख लीटर बीयर की जहां बिक्री हुई थी, वही २०२२-२३ में बीयर की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। ठाणेकर ४ करोड़ ४५ लाख लीटर ठंडा बीयर गटक गए यानी कि बीयर की बिक्री में ३१ प्रतिशत का उछाल आया है।