- उधर,एलएसी पर भी चीनी गतिविधियां हो रही हैं तेज
- मोदी राज में सीमाएं लगातार हो रही हैं असुरक्षित
सुरेश एस डुग्गर / जम्मू
केंद्र की भाजपा शासित मोदी सरकार की एक और नाकामयाबी सामने आई है। भले ही मोदी सरकार सीमा सुरक्षा की दृष्टि से तमाम कोशिशें कर रही हो लेकिन इसके बावजूद आलम यह है कि हिंदुस्थान की सीमा आज भी सुरक्षित नहीं है। सोमवार को पाक की तरफ से ड्रोन से घुसपैठ का प्रयास मोदी सरकार की इसी नाकामयाबी का ताजा उदाहरण है। जहां `ना’ पाक ड्रोन की उड़ान अब १० किमी `घर’ के भीतर तक होने लगी है। जहां एक ओर एलओसी पर पाक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है, वहीं दूसरी ओर एलएसी पर चीन की चालबाजी भी देखने को मिल रही है। चीन लगातार भारतीय सीमाओं में न सिर्फ घुस रहा है बल्कि जमीन भी कब्जा रहा है। इस बात का नया उदाहरण हाल ही में देखने को मिला है, जब उसने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के ११ स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की है। ऐसे में मोदी राज में एलएसी और एलओसी दोनों की सुरक्षा पर अब सवालिया निशान पैदा हो गए हैं।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर पाक की तरफ से ड्रोन से घुसपैठ का प्रयास लगातार जारी है। लेकिन उस पार से हथियार, गोला-बारूद और मादक पदार्थ लेकर भारतीय क्षेत्र में गिराने वाले पाकिस्तानी ड्रोन भारतीय सुरक्षाबलों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं। क्योंकि उनकी उड़ान अब १० किमी भीतर तक होने लगी है। इसका मतलब यह हुुआ कि अब पाकिस्तान हिंदुस्थान को इतने नजदीक से उसी के `घर’ आकर डरा रहा है। यही नहीं पाक सेना द्वारा संचालित ऐसे ड्रोनों की उड़ानों के दौरान पाक सेना द्वारा दोहरा खेल भी खेला जा रहा है। ताजा घटना इंटरनेशनल बॉर्डर पर विजयपुर के रेल लाइन के पास पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा गिराए गए उस पैकेट की है, जिसमें हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए थे। चिंता की बात यह थी कि पहली बार पाक ड्रोन ने भारतीय सीमा से १० किमी से ज्यादा का सफर तय करके भारतीय क्षेत्र के भीतर पैकेट को गिराया था। हालांकि, भारतीय सेना ने एक बार फिर बहादुरी का परिचय देते हुए पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। जिस दिन पाक ड्रोन ने हथियार गिराए, उसी दिन भारतीय सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने पाक ड्रोन पर गोलियां बरसाकर उसे वापस पाक क्षेत्र में भागने पर मजबूर करने का दावा किया था। दरअसल, सीमा सुरक्षा बल के जवान पाक सेना की चाल में फंस गए थे। ऐसा पहली बार हुआ था कि पाक सेना ने एक साथ दो ड्रोन भारतीय क्षेत्र में भेजे थे। इनमें से एक इंटरनेशनल बॉर्डर पर ही मंडराता रहा था और दूसरा १० किमी भीतर तक घुस गया था।
बीएसएफ सूत्रों का मानना है कि ऐसी दोहरी चाल में पाक सेना इसलिए कामयाब रही थी, क्योंकि उसने शायद बिना रोशनी और बिना आवाज करने वाले और लंबी दूरी तय करने वाले ड्रोन का इस्तेमाल किया था। जो भारतीय क्षेत्र में १० से १२ किमी भीतर बिना किसी रोक-टोक के चला आया था। पाक सेना की इस रणनीति से भारतीय सुरक्षा बल के जवान चौंक गए हैं। ऐसे में उनके वे जुगाड़ नाकाम होते दिख रहे हैं, जो उन्होंने ड्रोन द्वारा हथियार और गोला-बारूद गिराए जाने की हरकतों का सामना करने की कवायद में किए हैं। ऐसे में बीएसएफ ने स्थानीय पुलिस की सहायता भी मांगनी आरंभ की है, ताकि वे भीतर चले आनेवाले ड्रोन को मार गिरा सकें। एक अधिकारी का कहना था कि पाकिस्तानी ड्रोनों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए पुलिस के जवानों को भी प्रशिक्षण देने की जरूरत महसूस हो गई है। हालांकि, अभी तक ड्रोन से निपटने की इस कवायद में बीएसएफ के आग्रह पर इंटरनेशनल बॉर्डर के एक किमी के क्षेत्र में रात का कर्फ्यू लागू किया गया है, पर अब वह भी बेकार इसलिए साबित होने लगा है, क्योंकि पाक ड्रोन हथियारों को एक किमी से अधिक दूरी पर गिराने लगे हैं, ताकि हिंदुस्थान में पाकिस्तानी एजेंट उन्हें कलेक्ट कर सकें। अभी तक वे एक किमी के भीतर ही इन हथियारों को कलेक्ट करते थे।