सामना संवाददाता / मुंबई
कृषि, पौधा रोपण, जेल की सुरक्षा, अवैध निर्माण जैसे विभिन्न कार्यों के लिए वर्तमान में ड्रोन का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। ड्रोन की उपयोगिता को समझते हुए राज्य सरकार ने ड्रोन के लिए व्यापक नीति तैयार करने को मंजूरी दी है। अगले कुछ दिनों में ड्रोन नीति को अंतिम मंजूरी दे दी जाएगी। इसके बाद सार्वजनिक कार्यों में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ने की शुरुआत हो जाएगी। हाल ही में राज्य सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विभिन्न उपक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के संदर्भ में ‘सह्याद्री’ अतिथि गृह में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी के आधार पर सोशल मीडिया पर शिकायतों के निराकरण की जानकारी दी गई। इसमें ड्रोन के इस्तेमाल का भी समावेश था।
ड्रोन कई उद्देश्यों के लिए उपयोगी है और सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा भी इसका उपयोग किया जाता है। इसके लिए व्यापक ड्रोन नीति को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसकी जानकारी भी उक्त बैठक में दी गई। इस बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी प्रमुख सचिव पराग जैन एवं सूचना प्रौद्योगिकी निदेशक जयश्री भोज ने इस संदर्भ में प्रस्तुतीकरण किया।
कृषि में ड्रोन का उपयोग
पिछले कुछ वर्षों में कृषि में ड्रोन का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। पश्चिमी महाराष्ट्र की अधिकांश सहकारी चीनी मिलों में ड्रोन का उपयोग किया गया है। सरकार के स्तर पर भी ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने सौ फीसदी सब्सिडी देने की योजना का एलान किया है। राज्य सरकार भी इस संदर्भ में केंद्र का अनुकरण कर रही है।
जेलों पर ड्रोन की नजर
राज्य की जेलों पर भी ड्रोन से नजर रखी जाएगी। उत्तर प्रदेश में जेलों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ड्रोन वैâमरों का इस्तेमाल किया गया है। इसी तर्ज पर राज्य सरकार ने जेलों में आवाजाही को रिकॉर्ड करने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल को मंजूरी दी है। इसके अनुसार, राज्य की आठ मध्यवर्ती जेलों और दो जिला जेलों और दो खुली जेलों में आवाजाही पर ड्रोन के माध्यम से नजर रखी जाएगी। यह योजना प्रायोगिक आधार पर लागू की जाएगी।
वन क्षेत्रों पर ड्रोन की नजर
इस बीच, येऊर जंगलों में अवैध गतिविधियों और अवैध शिकार करनेवालों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। जंगलों के दूर-दराज इलाकों में अक्सर अवैध निर्माण होते रहते हैं। इसके अलावा शराब की भट्ठियों, जंगलों में लगी आग जैसी तमाम चीजों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता था। पीएमआरडी ने अनधिकृत निर्माणों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इसके अलावा पुलिस ने कानून-व्यवस्था, मोर्चे और सभाओं पर नजर रखने के लिए बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है। इसलिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने सभी क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग बढ़ाने के लिए व्यापक नीति बनाने का निर्णय लिया है।