मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनाबजेंगे ढोल-नगाड़े

बजेंगे ढोल-नगाड़े

लंबे इंतजार के बाद
आखिर वह दिन आया है
किसी के मुख पर खुशियां होगी
किसी का मुख मुरझाया है
कहीं बजेंगे ढोल-नगाड़े
कहीं पर मातम छाया है
कितनों ने भौकाल मचाया
कितनो ने मुंह की खाया है
कहीं नई सरकार बनेगी
कहीं पर सिर्फ सफाया है
लंबे इंतजार के बाद
आखिर वह दिन आया है।
-श्रवण चौधरी
प्रभादेवी

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