रामदिनेश यादव / मुंबई
समुंदर के नीचे से गुजरनेवाली देश की पहली सड़क परियोजना मुंबई कोस्टल रोड पर सफर के लिए मुंबईकर बेताब हैं, लेकिन ‘ईडी’ सरकार की सुस्ती के कारण मुंबईकरों को कोस्टल रोड परियोजना पर गाड़ी दौड़ाने के लिए अब लंबा इंतजार करना होगा। यह परियोजना इसी वर्ष नवंबर में पूरी होनेवाली थी, लेकिन अब खबर आ रही है कि इस परियोजना की डेडलाइन आगे खिसकती दिख रही है। निर्धारित समय में इस परियोजना को पूरा करना मुश्किल दिख रहा है। इस परियोजना का टारगेट पूरा करने के लिए कम समय बचा है। ऐसे में इस परियोजना को तय समय में पूरा करना बहुत मुश्किल होगा।
इस परियोजना को दो भागों में किया जा रहा है। एक तो मरीन ड्राइव से प्रियदर्शनी तक और दूसरा प्रियदर्शनी से वर्ली तक काम शुरू है। मरीन ड्राइव से प्रियदर्शनी तक ७२ प्रतिशत काम हुआ है और २८ प्रतिशत काम बचा है। हाल ही में मनपा की अतिरिक्त आयुक्त अश्विनी भिडे ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। वर्ष २०२३ के नवंबर महीने तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है, जिसमें ६ महीने और बचे हैं। इसमें भी मानसून में काम की रफ्तार धीमी हो जाएगी। कुल मिलाकर कर्मचारियों को ३ महीने का वक्त मिलेगा। चूंकि बचा हुआ २८ फीसदी काम बहुत बारीक है। इसे पूरा करने के लिए कम से कम ८ से १० महीने का वक्त लगेगा। ऐसे में कम समय में यह काम संभव नहीं है इसलिए कोस्टल रोड परियोजना के पहले फेज की डेडलाइन बढ़ना तय है।
बता दें कि मुंबई मनपा की महत्वाकांक्षी कोस्टल रोड परियोजना १२,७२१ करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है। प्रिंसेस स्ट्रीट फ्लाईओवर से बांद्रा-वर्ली सी लिंक के वर्ली छोर तक कुल १०.५८ किमी लंबी इस परियोजना के तहत २.०७ किमी लंबी सुरंग बनाई जा रही है। इस परियोजना से करीब ७० प्रतिशत समय की बचत होगी, वहीं र्इंधन और प्रदूषण से भी बचत होगी।
शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे की संकल्पना, बिना टोल की योजना
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे की यह महत्वाकांक्षी परियोजना है। मुंबईकरों के लिए उन्होंने यह सौगात देने की योजना बनाई थी। उद्धव ठाकरे के अनुसार यह नो-टोल रोड योजना होगी। मुंबईकर इसका बिना किसी बाधा के लाभ ले सकेंगे। यह परियोजना मनपा द्वारा दिसंबर २०१८ में उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में शुरू की गई थी।