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विदिशा के पर्यटन स्थलों की जानकारी न होने से विश्व धरोहर सांची से लौट जाते हैं देश-विदेश के सैलानी

दीपक तिवारी / विदिशा

ऐतिहासिक नगर और सम्राट अशोक की ससुराल विदिशा विश्व धरोहर सांची के बेहद नजदीक होने के बावजूद देश-विदेश के पर्यटकों की नजरों से दूर है। जानकारी के अभाव में पर्यटक विदिशा नहीं आते और सांची से लौट जाते हैं, जबकि विदिशा जिला पौराणिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत समृद्ध है और यहां दर्जनों पर्यटन स्थल देखने लायक हैं। लेकिन इनकी ओर ध्यान नहीं दिए जाने से ये स्थान देशी-विदेशी पर्यटकों की नजरों से दूर हैं।
विदिशा कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने विदिशा जिले में स्थित पर्यटन स्थलों में प्रचार-प्रसार की कमी को स्वीकार करते हुए इस कमी को दूर करने की बात कही है। विदिशा से सांची की दूरी केवल 9 किमी है, बावजूद पर्यटक विदिशा नहीं पहुंचते। सांची के नजदीक विश्व प्रसिद्ध उदयगिरी की गुफाएं, विदिशा में बीजा मंदिर, लोहांगी पहाड़ी, सम्राट अशोक की ससुराल बेसनगर से लेकर दर्जनों पर्यटन स्थल हैं, जिनका पर्याप्त प्रचार-प्रसार नहीं हो रहा है।
शुक्रवार को विदिशा विरासत ग्रुप के प्रतिनिधियों ने कलेक्टर से मुलाकात की। कलेक्टर ने कहा कि जिले के पर्यटन स्थलों पर सैलानी अधिक से अधिक आएं इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि सामान्यतः पर्यटकगण सांची तक आते हैं, किंतु विदिशा जिले के पर्यटन क्षेत्रों तक उन्हें आने-जाने के बेहतर प्रबंध नहीं होेने के कारण वे सुगमता से पहुंचते नहीं हैं। अतः सबसे पहले जिले के पर्यटन स्थलों के व्यापक प्रचार -सार हेतु हर स्तर पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। पर्यटकों को सुविधाएं मिलें, इसके लिए सर्किट हाउस में भी डिजाइन तैयार की जा रही है। छोटे-छोटे ब्रोसेस बनवाए जा रहे हैं, वहीं विभिन्न स्थलों पर साइन बोर्ड लगाने की प्रक्रिया के साथ-साथ उदयगिरी, खामबाबा, नीलकंठेश्वर मंदिर सहित अन्य धार्मिक व प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों को पर्यटन सर्किट के माध्यम से संलग्न कर सुविधाएंयुक्त व्यवस्था मिले, इसकी पहल की जा रही है। विदिशा की विरासत ग्रुप के प्रतिनिधियों द्वारा जिले में विगत वर्षों से किए जा रहे कार्यों को रेखांकित किया। कलेक्टर चेंबर में हुई बैठक में विरासत ग्रुप के सदस्यगण मौजूद रहे।

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