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चिकित्सा संसाधनों के अभाव में  जिला अस्पताल की अवस्था विकट! … शिवसैनिकों ने किया डीन का घेराव

सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के पदाधिकारियों ने रत्नागिरी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. रामानंद का घेराव कर जिला अस्पताल की विकट अवस्था को लेकर जवाब मांगा। उन्होंने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि जिला अस्पताल की हालत खराब हो गई है। अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सों की भारी कमी है। उन्होंने संज्ञान में लाया कि एक्सरे का फिल्म न होने से यहां आनेवाले मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही उन्होंने मांग की कि इन सभी दिक्कतों को जल्द से जल्द दूर किया जाए। उल्लेखनीय है कि रत्नागिरी जिला अस्पताल में एनेस्थेटिस्ट नहीं है। बुजुर्ग मरीजों को केस पेपर के लिए सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। वर्तमान में जिला अस्पताल में मात्र ५५ नर्सें ही कार्यरत हैं। मांग की गई है कि नर्सों के ९० पद शीघ्र भरे जाएं। इसके साथ ही डॉक्टरों की भी कमी है। इन सभी दिक्कतों को सुलझाने के लिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के पदाधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. रामानंद का घेराव किया और अस्पताल में व्याप्त दिक्कतों को उनके सामने रखते हुए जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की।
प्रतिदिन सोनोग्राफी रखें जारी
जिला अस्पताल में सप्ताह में केवल गुरुवार को ही सोनोग्राफी होती है। साथ ही एक दिन केवल तीस मरीजों की ही सोनोग्राफी होती है। शिवसैनिकों ने प्रतीक्षा सूची में कई लोगों को इंतजार करने पर रोष व्यक्त करते हुए सोनोग्राफी प्रतिदिन जारी रखने की मांग की।
निजी अस्पतालों की सेवाओं की दरें हों तय
शिवसैनिकों ने निजी अस्पतालों में वसूले जा रहे शुल्क पर जिला शल्य चिकित्सक का नियंत्रण नहीं होने पर खेद प्रकट किया और  मांग की गई कि जिला शल्य चिकित्सक को तत्काल निजी अस्पतालों की सेवाओं की दरें तय करने का आदेश जारी करना चाहिए। निजी अस्पताल के सामने मूल्य सूची चस्पां की जानी चाहिए।

 

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