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समय से वेतन न मिलने से परेशान स्टेट ट्रांसपोर्ट कर्मचारी!

सामना संवाददाता / मुंबई 

पिछले कई महीनों से महाराष्ट्र स्टेट ट्रांसपोर्ट कर्मचारी वेतन समय पर नहीं मिलने से भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। यह समस्या हर महीने और गंभीर होती जा रही है, जिससे कर्मचारियों का धैर्य अब टूटने की कगार पर है। यह स्थिति सिर्फ व्यक्तिगत आर्थिक संकट ही नहीं पैदा कर रही, बल्कि उनकी मानसिक और भावनात्मक स्थिति को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। वेतन में देरी के कारण कर्मचारियों को अपने मासिक खर्चे पूरा करने में कठिनाई हो रही है। साथ ही घर के किराए से लेकर बच्चों की स्कूल फीस और दैनिक खर्चों तक हर चीज पर इसका असर पड़ रहा है। इसके अलावा लोन की किश्त का समय पर भुगतान न होने से उनका सिबिल स्कोर भी खराब हो रहा है।
महाराष्ट्र एसटी वर्कर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संदीप शिंदे ने कहा कि सरकार की निष्क्रियता और प्रशासनिक लापरवाही के कारण स्टेट ट्रांसपोर्ट कर्मचारी गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। अनियमित वेतन को लेकर श्रमिक संगठन ने वेतन प्रावधान अधिनियम १९३६ के तहत औद्योगिक न्यायालय में दावा दायर किया और निर्णय प्राप्त किया कि प्रशासन को नियत तिथि पर भुगतान करना चाहिए। भले ही सरकार का जीआर आज जारी हो गया है, लेकिन समय-समय पर इन योजनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार प्रशासन को अब सबक लेना होगा।
एसटी कर्मचारियों का ‘घंटी’ आंदोलन 
समय से वेतन न मिलने पर एसटी कर्मचारियों ने शुक्रवार को पनवेल डिपो में घंटी बजाकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। हर मौसम में और त्योहारों के दौरान यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए एसटी बसें चलाने वाले एसटी कर्मचारी पिछले महीने का वेतन नहीं मिलने से अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। पनवेल की तरह ही मुंबई डिविजन के विभिन्न डिपो में भी कर्मचारियों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया।

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