उमेश गुप्ता / वाराणसी
चंदौली के बिछिया गांव के निवासी मोहम्मद अजहरूद्दीन ने मुस्लिम धर्म के ठेकेदारों से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार सनातन धर्म में वापसी कर ली है। अब वह मोहम्मद अजहरुद्दीन से डब्लू सिंह बन गए है। उन्होंने अपने साथ अपने पुत्र-पत्नी को भी शुद्धिकरण कराते हुए सनातन धर्म में वापसी कर लिया है। अब वह रामचरित मानस व गीता पाठ करने लगे हैं। उन्होंने भोजूबीर स्थित आर्य समाज मंदिर में परिवार समेत सनातन धर्म अपनाया।
बता दें कि मोहम्मद अजहरुद्दीन मुस्लिम धर्म में पठान जाति से ताल्लुकात रखते थे। गौरतलब है कि सनातन धर्म में वापसी करने के बाद दंपति ने अपने बेटे के साथ अपने नाम भी बदल लिए। रिजवाना ने अपना नाम गुड़िया सिंह और पति मो. अजहरुद्दीन ने अपना नाम डब्लू सिंह रख लिया। वहीं बेटे मो. राज का नाम राज सिंह रखा है। मुस्लिम परिवार की घर वापसी की खबर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। कई लोग इसके पक्ष में बोल रहे तो कई लोग इसे गलत और प्रोपागेंडा के तहत कार्य बता रहे हैं।
वैदिक विधान-विधान के साथ स्वीकार किया हिन्दू धर्म
काशी में स्थित आर्य समाज मंदिर में बाकायदा वैदिक विधि विधान से मुस्लिम परिवार ने हिन्दू धर्म स्वीकार किया है। सनातन धर्म स्वीकार कर डब्लू सिंह ने बताया कि जब उन्होंने अपना कुर्सीनामा को देखा तो एहसास हुआ कि उनके पूर्वज पहले सनातनी थे। इसी वजह से शुरू से ही उनके अंदर सनातन धर्म के प्रति आस्था एवं विश्वास था। उन्होंने बताया कि उनके घर में रामचरित मानस और श्रीमद् भागवत की पुस्तके मौजूद हैं। वह इसका पाठ भी करते हैं।
धर्म के ठेकेदारों के कारण हुआ विलंब
उन्होंने बताया कि वह वर्ष 2006 से ही सनातन धर्म में वापसी करने को लेकर प्रयास कर रहे थे लेकिन धर्म के ठेकेदारों द्वारा उनको प्रताड़ित करने का काम किया गया। हालांकि लंबी लड़ाई लड़ते हुए 30 जून को उन्होंने परिवार सहित अपनी सनातन धर्म में पूर्ण रूप से वापसी कर ली है। आगे कहा कि जो लोग उन्हें दोषी ठहरा रहे थे, जब अपना पुराना इतिहास एवं कुर्सी नामा देखेंगे तो उनका भी सनातन के प्रति रूझान बढ़ जाएगा।
मुगलों के अत्याचार के भय से पूर्वज बने थे मुस्लिम
मुस्लिम धर्म से सनातन धर्म अपनाने वाले दंपति के मुताबिक 6 पीढ़ी पहले मुगल साम्राज्य के अत्याचार के भय से हमारे पूर्वजों ने मजबूरी में मुस्लिम धर्म अपनाया था। जब उन्हें यह बात पता चली थी तो उन्होंने अपने वास्तविक धर्म में लौटने का निर्णय लेते हुए राजसूत्र पीठ से संपर्क किया। ऐसे में आर्य समाज मंदिर में पहुंचकर पूरे परिवार का वैदिक विधि से सनातन धर्म में वापसी की।