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५ दशकों में तेजी से बिगड़ा धरती का जैव संतुलन… ७३ फीसदी जीवों की संख्या घटी!

जलवायु परिवर्तन का खतरा इंसानों के साथ-साथ जीव-जंतुओं पर भी तेजी से बढ़ रहा है। वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (ेंंइ) ने जीव-जंतुओं पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और उनकी आबादी पर इसके असर को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। विश्व में वन्यजीव आबादी को लेकर एक चिंताजनक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें पता चला है कि पिछले ५० साल में वन्यजीवों की आबादी ७३ प्रतिशत घट गई है। यह जानकारी लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट २०२४ से सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, २ साल पहले यह गिरावट ६९ प्रतिशत थी, जो एकदम से ४ प्रतिशत बढ़ गई है। इसका सबसे अधिक असर एशिया प्रशांत क्षेत्र में दिख रहा है, जिसमें भारत भी शामिल है।
रिपोर्ट के अनुसार, १९७० से २०२० के बीच जंगलों में रहनेवाले जीव-जंतुओं की आबादी में लगभग ७३ प्रतिशत की गिरावट आई है। इस गिरावट का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण है, जिसके चलते जीव-जंतु अपना आवास छोड़ने को विवश होते हैं। वहीं लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट २०२४ में गिद्धों की आबादी पर भी जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में गिद्धों की तीन प्रजातियों में १९९२ से २०२२ के बीच नाटकीय रूप से गिरावट आई है।

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