सामना संवाददाता / मुंबई
दुनिया में तबाही मचा रहे ओमायक्रॉन के नए वैरिएंट ईजी.५.१ का फिलहाल महाराष्ट्र पर किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इसके अलावा वे किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए एक सप्ताह तक स्थिति की निगरानी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि जून-अगस्त के दौरान सभी श्वसन संक्रमणों में वृद्धि देखी गई है। इस बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी अपील की है कि हाल फिलहाल में इसे लेकर किसी तरह की चिंता करने की कोई बात नहीं है।
राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को पूरे महाराष्ट्र में १५ नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से ७ मामले मुंबई से हैं। इसके अलावा राज्य में ९३ सक्रिय मामले हैं। इनमें से ५९ मुंबई व पुणे में २७ और ठाणे में १५ मामले हैं। इस बीच मुंबई में बुधवार को एक व्यक्ति की कोविड-१९ वायरस से मौत हो गई। एक अधिकारी ने कहा कि नए ओमायक्रॉन सब वैरिएंट के कारण कोई मौत नहीं हुई है। फिलहाल, मृतक के नमूने को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजा जाएगा।
एक्सबीबी.१.१६ के मिले १,७३३ मामले
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र में अब तक एक्सबीबी.१.१६ के १,७३३ मामले मिले हैं, जबकि १९ मरीजों की मौत हुई है। इसी तरह १ जनवरी से अब तक कोविड के १,७३३ मरीज मिले। इनमें से १२७ की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इनमें ६० साल से अधिक आयु के ७२.४४ फीसदी, विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे ८४ फीसदी और बिना किसी रोग के १६ फीसदी संक्रमितों का समावेश है।
मुंबई में नहीं मिला है कोई नया वैरिएंट
स्वास्थ्य विभाग कोविड मामलों की लगातार निगरानी कर रहा है। मुंबई में अब तक कोई नया सब वैरिएंट नहीं मिला है। हालांकि, कोविड जैसे लक्षण वाले स्वाइन फ्लू के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच सुरक्षा की दृष्टि से नागरिकों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने का भी आग्रह किया है। इसके अलावा उन्हें स्व-चिकित्सा करने की बजाय तुरंत डॉक्टरों से परामर्श करने की अपील भी की हैै। इस बीच राज्य स्वास्थ्य विभाग इन्फ्लूएंजा ए और बी सहित अन्य वायरस पर भी ध्यान केंद्रित किए हुए है, जिनमें कोविड-१९ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। साथ ही सभी जरूरी सावधानियां बरती जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में १ अगस्त से ९ अगस्त के बीच एच१एन१ के ११५ और एच३ एन२ के ३३७ समेत स्वाइन फ्लू के कुल ४५२ मरीज मिले हैं। हालांकि, गनीमत यह है कि इस बीच इससे किसी की मौत नहीं हुई है।