धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
छल से सत्ता हथियानेवाली ‘ईडी’ सरकार राज्य को संभालने में असक्षम साबित हो रही है, जिसका नतीजा राज्य की जनता पहले ही भुगत रही है। उस पर कोरोना के एक बार फिर से यू-टर्न लेने से मुंबईकरों पर महामारी का खतरा मंडराने लगा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सरकारी डिस्पेंसरियों एवं वैक्सीनेशन सेंटरों पर न ही वैक्सीन है और न ही कोरोना जांच से संबंधित किट। दूसरी तरफ ईडी सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए राज्य में जानबूझकर जगह-जगह दंगे कराने और सियासी साजिश रहने में व्यस्त है, ऐसे आरोप विपक्ष लगा रहा है। जबकि कोविड के मरीजों की बढ़ती रफ्तार से जानकार आशंका जता रहे हैं कि यदि ‘ईडी’ सरकार चेती नहीं तो आनेवाले दिनों में कोरोना मुंबईकरों को पस्त कर देगा।
मुंबई में मिले २५६ मरीज, एक की मौत
मनपा स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मुंबई में बीते २४ घंटों में कोविड के कुल २५६ नए मामले सामने आए हैं। इनमें से १९ को अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा है। इस समय शहर के विभिन्न अस्पतालों में कुल १०० मरीज भर्ती हैं, जिसमें से २० को ऑक्सीजन पर रखा गया है, वहीं इस दौरान एक मरीज की मौत भी हुई है, जबकि १९१ ठीक हुए हैं। ३६ वर्षीय मरीज टीबी से पीड़ित था। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कोविड मरीजों के लिए आरक्षित ४,३५६ बेडों में से २.३० फीसदी भर गया है। शहर का रिकवरी रेट ९८.२ फीसदी, सप्ताहांत मृत्यू दर ०.०१४७ फीसदी और डबलिंग रेट घटकर ४,६४२ दिन पर पहुंच गया है। इसी तरह राज्य में ८०३ नए मरीज मिले, जबकि तीन की मौत हुई है। इस अवधि में ६८७ नए मरीज मिले हैं। वहीं मुंबई, पुणे और नागपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेशों से आए ३२,२८६ लोगों का आरटीपीसीआर टेस्ट किया गया, जिसमें से ५९ लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए। सभी के नमूनों को जांच के लिए लैब में भेजे गए हैं।