सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की ‘ईडी’ सरकार कोविड टीकाकरण में ‘नपुंसक’ साबित हुई है। राज्य में कोविड रोगियों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए जांच और टीकाकरण बढ़ाने की आवश्यकता विशेषज्ञों ने व्यक्त की है। सिर्फ पुणे-नासिक जैसे शहरों में कोविड प्रतिबंधक टीके की कमी है। इसलिए कोविड बढ़ने का डर निर्माण हो रहा है। कोविड मामलों की तेजी से बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने की जरूरत है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार ने कोविड से बचाव के लिए टीकाकरण पर जोर दिया था। इससे धारावी जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में भी कोरोना की रोकथाम में सफलता मिली। ईडी सरकार के दौरान टीकाकरण के लिए टीकों की कमी हो रही है। मजे की बात यह है कि मुंबई जैसी जगहों पर वैक्सीन उपलब्ध होने के बावजूद नागरिकों में जागरूकता नहीं है और मुंबई के पास पुणे, नासिक में जब नागरिक वैक्सीन लेने आते हैं तो वहां वैक्सीन उपलब्ध नहीं होती है। नासिक में पिछले हफ्ते से ही कोविड-प्रतिबंधक टीकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। नासिक में दस हजार वैक्सीन की डिमांड है। नासिक के पालकमंत्री दादा भुसे ने इसे तत्काल उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था लेकिन अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टरों का कहना है कि स्टॉक पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंचा है।
स्वास्थ्य मंत्री जरा ध्यान दो!
अगर टीकाकरण बंद कर दिया गया तो कोरोना संक्रमण का फैलाव बड़े पैमाने पर हो सकता है। राज्य के पीएचडी धारक स्वास्थ्य मंत्री इस अंतर को पाटने पर ध्यान देंगे क्या? ऐसा सवाल राष्ट्रवादी कांग्रेस ने ट्विटर पर किया है। राज्य के प्रमुख शहरों की यह अवस्था है तो तालुका स्तर और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति भयावह हो रही है। यह भी ट्विटर में उल्लेख किया है। गतिमान सरकार के कार्यभार में गति मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही है।