गोरेगांव पशु चिकित्सा कॉलेज में हड़ताल
ठप हुई पशु स्वास्थ्य सेवाएं
ओपीडी पूरी तरह से हुआ बंद
सामना संवाददाता / मुंबई
ईडी सरकार ने पशु चिकित्सा में डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ-साथ निजी पशु चिकित्सा कॉलेजों के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके खिलाफ मुंबई में पशु चिकित्सा कॉलेज के छात्रों ने हड़ताल शुरू की है। परिणामस्वरूप मुंबई के गोरेगांव में पशु चिकित्सा कॉलेज के अस्पताल का ओपीडी विभाग पूरी तरह से ठप हो गया है। इसके चलते परेल में दी बाई साकरबाई दिनशॉ पेटिट हॉस्पिटल फॉर एनिमल्स में स्वास्थ्य सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं।
राज्य सरकार द्वारा पशु चिकित्सा में शुरू किए जानेवाले डिप्लोमा पाठ्यक्रम को भारतीय पशु चिकित्सा परिषद द्वारा दिशा-निर्देश जारी होने तक रद्द किया जाना चाहिए। इस पाठ्यक्रम का नाम पशुपालन में डिप्लोमा पाठ्यक्रम से बदलकर नर्सिंग इन एनिमल हेल्थ किया जाना चाहिए। साथ ही प्रस्तावित तीन सरकारी कॉलेजों का काम तुरंत शुरू किया जाए। इन सभी मांगों को लेकर मुंबई पशु चिकित्सा कॉलेज के छात्रों ने बीते सात दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रखी है। इस हड़ताल का असर कॉलेज से जुड़े गोरेगांव के अस्पताल पर पड़ा है। इस अस्पताल का ओपीडी पूरी तरह से बंद हो गया है। इसलिए जो लोग इस अस्पताल में इलाज कराने के लिए जानवर लाते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे उन्हें किसी निजी अस्पताल या परेल के अस्पताल में ले जाएं।
गोरेगांव अस्पताल का ओपीडी पूरी तरह से बंद है। केवल आवश्यक सेवाएं ही मुहैया कराई जा रही हैं। इस बीच परेल अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चल रही हैं। हम जानवरों और उनके मालिकों को कष्ट से बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
– डॉ. सरिता केलकर, डीन, मुंबई पशु चिकित्सा कॉलेज
जानवरों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में आ रहीं दिक्कतें
गोरेगांव के अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन ६० से ७० जानवरों को इलाज के लिए लाया जाता है। इन सभी को अब निजी या परेल अस्पताल की शरण लेनी पड़ रही है। हालांकि, गोरेगांव में अस्पताल के प्रोफेसरों और छात्रों के माध्यम से आवश्यक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। हड़ताल ने कॉलेज से जुड़े परेल में एनिमल्स अस्पताल में पशु देखभाल को आंशिक रूप से प्रभावित किया है। मानव बल की कमी के कारण परेल अस्पताल में ओपीडी और आईपीडी सेवाएं बाधित हो गई हैं। यहां प्रतिदिन ८० से १०० जानवरों को इलाज के लिए ओपीडी में लाया जाता है। फिलहाल, अस्पताल में ३५० जानवर भर्ती हैं। हालांकि हड़ताल ने विभिन्न जांचों, प्रयोगशालाओं, चिकित्सा विभागों और रोगी देखभाल को प्रभावित किया है। परेल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बताया कि छात्रों की हड़ताल के कारण जानवरों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में दिक्कतें आ रही हैं।