– नर्सिंग होम पर लादा ‘जजिया कर’
– मनपा ने किया प्रस्ताव को मंजूर
– छोटे अस्पतालों में इलाज का बढ़ा खर्च
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की सत्ता पर काबिज ‘ईडी’ सरकार एक तरफ तो चुनावी लॉलीपॉप के तहत ‘लाडली बहनों’ को आर्थिक मदत का दिखावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें लूटने से भी बाज नहीं आ रही है। ‘ईडी’ सरकार के एक नए फरमान से ‘लाडली बहनों’ का मां बनना महंगा हो गया है। असल में ‘ईडी’ सरकार ने मुंबई के सभी नर्सिंग होम्स पर एक तरह से ‘जजिया कर’ लाद दिया है। इसके तहत उनके ऊपर ५,००० रुपए का शुल्क लाद दिया गया है। ऐसे में बहनों का न सिर्फ मां बनना महंगा हो गया बल्कि उन्हें अन्य बीमारियों के इलाज पर भी ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, मनपा ने हाल ही में यह बेकार निर्णय लिया है। मनपा में इस बारे में एक प्रस्ताव आया था, जिसे उसने मंजूर कर लिया है। नर्सिंग होम्स पर इस तरह टैक्स लगाने से वे इसकी वसूली मरीज से ही करेंगे। मनपा में इस वक्त कोई जनप्रतिनिधि नहीं है। हार के डर से भाजपा सरकार मनपा का चुनाव नहीं करा रही है। ऐसे में प्रशासन की मनमानी को रोकने वाला कोई जनप्रतिनिधि मौजूद नहीं है। भाजपा कितनी डरी हुई है यह इसी से समझा जा सकता है कि जम्मू-कश्मीर में तो चुनाव कराए जा रहे हैं पर बहाना बनाकर मुंबई मनपा का चुनाव लंबे समय से टाला जा रहा है। मुंबई में आसपास के छोटे नर्सिंग होम में काफी लोग अपना इलाज कराते हैं। ये नर्सिंग होम १० बेड से लेकर १०० बेड तक के होते हैं। अब मनपा ने इन नर्सिंग होम्स का रजिस्ट्रेशन शुल्क और नवीनीकरण शुल्क में भारी बढ़ोतरी कर दी है। इससे ये नर्सिंग होम्स अपने इलाज की फीस बढ़ा देंगे। आखिर वे इस बढ़े हुए खर्च की वसूली मरीजों की जेब से ही तो करेंगे।
वर्ग ‘ए’ के लिए ५,००० का शुल्क
बता दें कि सरकार ने नगरपालिका वर्ग ‘ए’ क्षेत्र में नर्सिंग होम के लिए प्रति बेड ५००० रुपए का शुल्क तय किया है। इसी तरह नगरपालिका वर्ग ‘बी’ क्षेत्र में नर्सिंग होम के लिए ४,५०० रुपए, नगरपालिका वर्ग ‘सी’ क्षेत्र में नर्सिंग होम के लिए ४,००० रुपए और नगरपालिका वर्ग ‘डी’ क्षेत्र में नर्सिंग होम के लिए ३,५०० रुपए का शुल्क तय किया है। नगरपालिका, नगर परिषद या नगर पंचायत या ग्राम पंचायत या अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में नर्सिंग होम के लिए तीन हजार रुपए शुल्क होगा। नई रजिस्ट्रेशन फीस अगले तीन साल के लिए होगी।