सामना संवाददाता / मुंबई
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। प्रतिमा के नाम पर पैसे खाए गए हैं। इसकी ईडी जांच करे। इस तरह की मांग करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि मंत्री दीपक केसरकर ने अंसवेदनशील बयान दिया है। इसलिए फडणवीस अगर सच्चे शिवभक्त हैं तो उन्हें मंत्रालय के बाहर केसरकर को जूते मारने चाहिए।
मीडिया से बातचीत करते समय कल सांसद संजय राऊत ने कहा कि अब इसका खुलासा हो चुका है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के काम में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। नामचीन शिल्पकार रामपुरे ने जानकारी दी कि यह प्रतिमा केवल भ्रष्टाचार के कारण गिरी होगी। मुंबई और महाराष्ट्र समेत देश में जमीन और पर्वतों पर कई प्रतिमाएं बनाई गई हैं, जहां १२० किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती हैं। फिर भी वे आज तक वैसे के वैसे ही खड़ी हैं। लेकिन सिंधुदुर्ग किले पर सात महीने पहले बनकर तैयार हुई शिवराय की प्रतिमा हवा से ढह गई, क्योंकि प्रतिमा खोखली थी। भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे चबूतरे में करोड़ों रुपए हजम किए गए हैं। संजय राऊत ने कहा कि इससे जुड़ी एक खबर सामने आ रही है। मैं ये नहीं कह रहा कि मुख्यमंत्री के बेटे का कनेक्शन है, ये तो खबरें कह रही हैं। इसकी जांच के लिए वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की जानी चाहिए। इस प्रतिमा की स्थापना में करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ है। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के पीछे करोड़ों रुपए खाने वाले हैं। ठाणे कनेक्शन है! ठेकेदार और मूर्तिकार गायब हैं। मुख्यमंत्री के बेटे से पूछो कहां हैं? छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर सरकार भ्रष्टाचार कर रही है और वे इस पैसे से महाराष्ट्र का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इसका क्या सिर्फ निषेध ही करना है? उन्होंने कहा कि मैं खुद ३० अगस्त को मालवण जाऊंगा। राज्य भर से लोग यहां आ रहे हैं, क्योंकि महाराष्ट्र के सम्मान को पहुंचा यह सबसे बड़ा जख्म है। इसके लिए यह निषेध केवल मामूली शब्द है। केसरकर ने कहा कि मूर्ति का गिरना शुभ संकेत है, इससे कुछ अच्छा होगा। ये अफजल खान की औलाद हैं, जिसे घाती ने दूध पिलाया। मैं कहूंगा कि अच्छा हुआ कि यह गंदगी हमारे बीच से चली गई। ऐसे बुरे विचार वाले लोगों के मुंह से ये शब्द वैâसे निकल सकते हैं? ऐसे लोग मंत्री होते हैं।
यह है सच्चाई
देवेंद्र फडणवीस ने कितनी गंदी मानसिकता वाले लोगों को पैदा किया? यह देवेंद्र फडणवीस का पाप है। इस घाती और उसके गिरोह को पालने का काम फडणवीस और नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। पैसा खाने के लिए सबने मिलकर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिराई। ये कोई आरोप नहीं बल्कि सच्चाई है। संजय राऊत ने कहा कि इस मामले में जांच के लिए एसआईटी नियुक्त की जाए। लेकिन ये लोग अपने करीबियों को इस कमेटी में शामिल करते हैं।
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर कितना पैसा खर्च हुआ, इसकी जांच ईडी करे। इसके पैसे कहां गए? ये बड़े लोग मॉरीशस के रास्ते मनी लांड्रिंग करते हैं। अब ठाणे में एक नया रास्ता आ गया है। मैंने सुना है कि घाती गुट ने चुनाव लड़ने के लिए ४००० करोड़ रुपए जुटाए हैं। ये पैसा कहां से आया? इस चार हजार करोड़ रुपए में १०० करोड़ रुपए छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का भी है।
पागल हो गए हैं नारायण राणे
नारायण राणे पागल हो गए हैं। प्रतिमा गिरने और इमारत गिरने में फर्क है। मोरबी में पुल गिरा और लोग मरे इसके बारे में एक बार बोलिए। नारायण राणे सांसद हैं, आप भूमिपुत्र हो। इसलिए कम से कम आप सोचकर बोलिए। आप किसका पक्ष ले रहे हैं? अगर ऐसा किसी दूसरे राज्य में हुआ होता तो वे और उनके बेटे नंगा नाच करने लगते। लेकिन आज उनके राज्य में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा बनाने में भ्रष्टाचार हुआ। नारायण राणे वहां के सांसद हैं, अगर वे सच्चे शिवभक्त हैं, तो उन्हें सड़कों पर उतरना चाहिए था। आपको इसका धिक्कार करना चाहिए था।