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संपादकीय: वायरस का राज!

दुनिया से कोरोना का संकट करीब-करीब गायब हो गया है। आम लोगों में अब कोरोना का खौफ नहीं रह गया है। फिर भी नई महामारियों की चेतावनियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ. टेड्रोस ने अब खुद चेताया है कि ‘दुनिया को एक नई महामारी का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।’ उन्होंने ७६वें विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा, ‘कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। यह बीमारी दूसरे रूप में दुनिया पर हमला कर सकती है। कोविड-१९ से भी ज्यादा ये नया वायरस खतरनाक हो सकता है और इसके कारण दुनिया भर में पैâल रही लहर कोरोना से भी ज्यादा भयानक हो सकती है।’ डॉ. टेड्रोस ने इस नई महामारी का संकट दुनिया में कब आएगा, इसका सटीक ब्यौरा नहीं दिया है लेकिन यह संकट दरवाजे पर खड़ा है, ऐसा कहा है। डॉ. टेड्रोस जहां एक नई महामारी की चेतावनी दे रहे हैं, वहीं कोरोना का संकट दुनिया पर लादनेवाले चीन में कोरोना की एक नई भयानक लहर देखने को मिली है। चीन में कोरोना की नई लहर और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष द्वारा नई महामारी को लेकर दी गई चेतावनी चौंकानेवाली है। दरअसल, इसी महीने विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषणा की थी कि ‘कोविड-१९ महामारी अब स्वास्थ्य आपातकाल नहीं रही।’ लेकिन दुनिया उस घोषणा पर राहत की सांस भी नहीं ले पाई थी कि इसी संगठन के प्रमुख ने ‘भविष्यवाणी’ की है कि नई महाभयंकर महामारी हमारे-आपके दरवाजे पर दस्तक दे रही है। यह कब सच होगी, यह स्पष्ट नहीं है फिर भी कोविड-१९ का सब वैरियंट ओमायक्रॉन नए-नए अवतार में आज भी दुनिया के सिर पर बैठ रहा है। चीन में मौजूदा लहर ओमायक्रॉन के ‘एक्सबीबी’ सब वैरियंट की है। उसके संक्रमण से चीन में मई के अंत तक हर हफ्ते चार करोड़ और जून के आखिर तक साढ़े छह करोड़ लोगों के बाधित होने की चिंता व्यक्त की जा रही है। एक वायरस का संक्रमण नियंत्रण में नहीं आता, तब तक दूसरे वायरस की चपेट में दुनिया आ जाती है। तीन महीने पहले मध्य अप्रâीकी देश ‘मारबर्ग’ में वायरस के संकट ने कोहराम मचाया था। उससे पहले ‘इबोला’ वायरस ने जानलेवा हमला किया था। इबोला और मारबर्ग वायरस दोनों एक ही परिवार के अलग-अलग वैरियंट हैं। कोरोना बाधित मृतकों के शव से संक्रमण का खतरा बढ़ानेवाले ‘झोंबी’ कोरोना के आतंक का भी अनुभव दुनिया ने किया था। इसी साल हमारे देश में ‘एच३एन२’ वायरस ने हड़कंप मचा दिया था। कोविड-१९ का उद्गम स्रोत चमगादड़ों में ‘खोस्टा-२’ यह ‘सार्स-कोव-२’ का सब वैरियंट नया घातक वायरस शोधकर्ताओं को मिला है। पिछले डेढ़-दो दशकों से दुनिया स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया, सार्स, मर्स, बर्ड फ्लू, जीका, इबोला, मारबर्ग, निपाह, कोरोना, ओमायक्रॉन और उसके नए-नए सब वैरियंट जैसे विभिन्न वायरस की चपेट में आ चुकी है। वायरस का हर जगह राज दिख रहा है। जिस तरह मानव स्वास्थ्य के लिए ये वायरस खतरनाक हैं, उसी तरह मानव जीवन को सुचारु और सुरक्षित रखनेवाली शासन व्यवस्था, संविधान, धार्मिक और सामाजिक सद्भाव, लोकतंत्र को खतरे में डालने वाले भी हैं। मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक वायरस के लिए टीके की खुराक प्रभावी होती तो लोकतंत्र के लिए खतरनाक साबित होनवाले वायरस पर जनता की ‘मात्रा’ प्रभावी होती है।

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