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संपादकीय : महाराष्ट्र में ‘ट्रंप कार्ड’!

प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी हर जगह प्रचार सभाओं में जाते हैं, बड़े-बड़े वादे करते हैं और पांच साल के लिए गायब हो जाते हैं। यह अब रूटीन बन गया है। मोदी की महाराष्ट्र में सत्रह-अट्ठारह सभाएं हो रही हैं। मोदी लफ्फाजी करेंगे और फिर ट्रंप को गले लगाने के लिए अमेरिका रवाना हो जाएंगे। वहां अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत हुई। उसकी खुशी यहां मोदी और उनके अंधभक्तों को हुई। ट्रंप को गले लगाते हुए पुरानी तस्वीरें निकालकर ‘माय डियर प्रâेंड डोनाल्ड’ जैसे विशेषण जोड़कर मैसेज जारी किए गए। ऐसा दिखावा किया जा रहा है कि ट्रंप मोदी की वजह से जीते। अगर ट्रंप हार गए होते और कमला हैरिस जीत गई होतीं तो इसका श्रेय मोदी ले लेते। मोदी भक्तों को इस तरह की कहानियां छापने में कोई झिझक नहीं होती कि कमला को भाजपा के प्रतीक कमल का फायदा हुआ और मोदी ने कमला के प्रचार के लिए एक विशेष टीम भेजी थी। ऐसे ही हैं मोदी और उनके भक्त भी उन्हें सुधरने नहीं देंगे और जब चुनाव आते हैं तो ये झटके ज्यादा लगने लगते हैं। महाराष्ट्र में आकर मोदी हर दिन नई घोषणाएं और वादे करेंगे। ये सब करने के बजाय उन्हें महाराष्ट्र का गुजरातीकरण रोकना चाहिए। अगर महाराष्ट्र का गुजरातीकरण हो गया तो देश की रक्षा कौन करेगा? महाराष्ट्र देश का की मर्दानगी है पुरुषत्व है। महाराष्ट्र के गांडा भाई बनने से कुछ नहीं होगा। महाराष्ट्र का सह्याद्रि हिंदुस्थान का कवच है। मोदी और शाह ने महाराष्ट्र को बर्बाद करने के लिए अफजलखानी बीड़ा उठाया है, वह अराष्ट्रीय है। मोदी महाराष्ट्र की वीरता और महानता को स्वीकार नहीं करते और इसीलिए उन्होंने शिंदे जैसे लोगों को मुख्यमंत्री पद पर चिपका रखा है। मोदी सरासर झूठ बोलते हैं, झूठे वादे करते हैं और इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप को भी पछाड़ देंगे। ट्रंप ने कहा कि वह राष्ट्रपति बनते ही युद्ध खत्म कर देंगे, दुनिया में शांति लाएंगे, लेकिन ट्रंप के जीतते ही इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू बेहद खुश हैं और ट्रंप ने नेतन्याहू को बधाई भी दी। ऐसा कभी नहीं देखा गया कि ट्रंप ने गाजा पट्टी में हुए मानव हत्याकांड और नरसंहार पर दुख व्यक्त किया हो। रूस के पुतिन द्वारा यूक्रेन पर हमला कर लाखों लोगों की हत्या पर ट्रंप ने कोई रुख जाहिर नहीं किया है। यही ट्रंप अब कह रहे हैं, ‘मैं युद्ध समाप्त कर दूंगा।’ ट्रंप की जीत के पीछे बिजनेसमैन एलन मस्क का निवेश है और ट्रंप के जीतते ही मस्क की कंपनियों के शेयरों में पंद्रह फीसदी का इजाफा हो गया। मस्क और ट्रंप के बीच वही रिश्ता है, जो भारत में मोदी और अडानी के बीच है। मस्क विज्ञान और आधुनिकता के अग्रदूत हैं तथा उन्होंने घोषणा की कि भारत का ‘ईवीएम’ एक घोटाला है। मस्क ने बार-बार चेतावनी दी है कि ईवीएम हैक होता है और यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। मस्क एक अमेरिकी मतदाता हैं और अमेरिका में मतदान बैलेट पेपर पर होता है। ट्रंप ईवीएम की मदद से नहीं जीते। मस्क को भारत के ‘ईवीएम’ घोटाले का मुद्दा वैश्विक स्तर पर उठाना चाहिए। इसे एक बार नहीं बार-बार उठाना चाहिए। ये सच है कि मोदी ट्रंप को गले लगाते हैं, लेकिन ट्रंप चार साल पहले हार गए थे। ट्रंप फिर जीते हैं। ट्रंप ने मोदी की तरह झूठे वादे किए और आर्थिक संकट से जूझ रहे अधिकांश अमेरिकी नागरिकों ने सपने बेचनेवाले ट्रंप को वोट दिया। अमेरिकी लोकतंत्र, आजादी, खुली सांस आदि से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि उन्हें ‘ईएमआई’ से मुक्ति चाहिए। ट्रंप ने उनसे मुक्ति का वादा किया। मोदी और उनके लोग भारत में भी यही करते हैं।’ मुफ्त राशन, लाड़ली बहन योजना इसका हिस्सा है। अब महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी ने जनता के लिए विकास के पंचसूत्र की घोषणा की है। राहुल गांधी की मौजूदगी में ‘पांच गारंटी’ का एलान किया गया। इसमें महिलाओं के लिए महालक्ष्मी योजना है। महिलाओं को ३,००० रुपए प्रति माह मिलेंगे। हर जगह महिलाओं और लड़कियों के लिए मुफ्त बस यात्रा। किसानों का तीन लाख तक का कर्ज माफ किया जाएगा। २५ लाख तक का स्वास्थ्य बीमा और मुफ्त दवा जैसी कई योजनाएं महाविकास आघाड़ी की जीत का ‘ट्रंप कार्ड’ बन गई हैं। अमेरिका में ट्रंप तो महाराष्ट्र में भी ट्रंप कार्ड! मोदी आएंगे और जाएंगे। महाराष्ट्र का ये ट्रंप कार्ड वैसा ही रहेगा।

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