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संपादकीय : भीतर का दबा ‘सत्य’ और झूठे का मुंह काला

लोकसभा के बाद पिछले हफ्ते हुए उपचुनाव में भी ‘इंडिया गठबंधन’ का ही डंका बजा। जनता ने यहां भी भाजपा को लात ही मारी। संभवत: यह मंडली इसीलिए ‘झूठ फैलाने’ का राग अलाप रही है। देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी रविवार को कांग्रेस की आलोचना करते हुए यही राग अलापा। सीतारमणबाई ने चंडीगढ़ भाजपा राज्य कार्यकारिणी की बैठक में इस ‘झूठ’ का गुस्सा निकाला। वित्तमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस और विपक्षी दलों ने गलत बयानबाजी करके और भाजपा के खिलाफ झूठे नेरेटिव फैलाकर जनता के बीच भ्रम पैदा किया है। आज भी उनका वही काम चल रहा है।’ उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने राम मंदिर को लेकर झूठ फैलाया। इसका मतलब ये है कि भाजपा के मन में अभी भी अयोध्या में हार का गुस्सा है। लेकिन भगवान श्रीराम तो आपको अयोध्या में भी नहीं मिले, इस बात का ठीकरा आप कब तक दूसरों पर फोड़ते रहेंगे? अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की राजनीति करने का झूठपना आप ही कर रहे थे। इस गोलमाल को वहां के लोगों ने पहचान लिया और उन्होंने आपके उम्मीदवार को हराया और भगवान श्रीराम की तरह ‘सत्य का दामन’ थामा। यही अयोध्या का ‘सत्य’ है, इसे स्वीकार करें। वाराणसी में भी आपकी ‘बंद मुट्ठी लाख की’ रही वरना वहां भी आपका ‘सत्य’ सामने आ ही गया होता। नि:संदेह, अपनी विफलता और उसके कारणों को स्वीकार करने की बजाय दूसरों के नाम पर प्रलाप करना भाजपा की पुरानी आदत है। इसीलिए यह मंडली दिल्ली से लेकर गल्ली तक हर जगह ‘झूठे नेरेटिव’ का रोना रो रही है। दो दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भी मुंबई में ऐसा ही किया। कार्यक्रम था भूमिपूजन, उद्घाटन का; लेकिन मोदी ने यहां भी राग अलापा ‘झूठे नेरेटिव’ का। मोदी ने कहा झूठे नेरेटिव सेट करने वाले देश के विकास और निवेश के दुश्मन हैं। अगर कांग्रेस पार्टी निवेश और विकास की दुश्मन होती, जैसा कि आप कहते हैं, तो आपके शासनकाल से पहले देश प्रगति की नई ऊंचाइयों पर नहीं पहुंच पाता। आप आज जिस विकास का ढिंढोरा पीट रहे हैं, उसका ठोस आधार कांग्रेस शासनकाल में ही रचा गया। हो सकता है कि आप इस बात से सहमत न हों। आप भूल गए होंगे, लेकिन जनता नहीं भूली है। देश का असली विकास सिर्फ और सिर्फ २०१४ के बाद हुआ, ये ‘भ्रम’ आपने पिछले १० वर्षों से जानबूझकर जनता पर थोपने की कोशिश की। तथापि उसके खोखलेपन को जनता ने पहचान लिया। इस दफा जनता ‘भ्रम’ में नहीं फंसी। उन्होंने पिछले दो चुनावों में हुई गलती को सुधार लिया है और आपके इसी झूठ को विपक्ष ने जनता के सामने रखा है तो आपको उनके नाम पर प्रलाप करने की जरूरत नहीं। लोकतंत्र में विपक्ष का कर्तव्य है कि वह शासकों के झूठ को जनता के सामने उजागर करे। विपक्ष ने यही किया। तो आपके द्वारा बनाया गया ‘भ्रम का गुब्बारा’ फूट गया और आपकी बहुमत का गुब्बारा बहुमत से पहले ही फंस गया। इसीलिए आप तड़फड़ा रहे हैं और ‘झूठे नेरेटिव’ का प्रलाप कर रहे हैं। वित्तमंत्री सीतारमणबाई ने भी चंडीगढ़ में यही प्रलाप किया और कहा कि कांग्रेस ने राम मंदिर को लेकर झूठ फैलाया है। तो फिर आप अयोध्या के बाद बद्रीनाथ में भी क्यों पराजित हुए? आप लोकसभा के बाद से हर जगह हारते आ रहे हैं और आगे भी हारते रहेंगे। क्योंकि आपका दस साल का झूठ अब जनता की नजर में आ चुका है। इसलिए विरोधियों के नाम पर प्रलाप बंद करें। झूठे का मुंह काला ही होता है पहले अपने भीतर का दबा ‘सत्य’ देखें। इसे स्वीकार करने का साहस करें!

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