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संपादकीय : इमरान का क्या होगा?

आर्थिक दिवालियेपन में डूबा पाकिस्तान अक्ल से भी दिवालिया हो चुका है, ये आज एक बार फिर साबित हो गया है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार दोपहर जिस तरह से गिरफ्तार किया गया, यह पूरी कार्रवाई यानी राजनीतिक बदले का एक हिस्सा है और यह ड्रामा कैसे खत्म होगा, यह आज कोई नहीं बता सकता। पाकिस्तानी रेंजर्स यानी पाकिस्तानी पैरामिलिट्री सेना की एक यूनिट अचानक इस्लामाबाद के उच्च न्यायालय में घुसती है और जैसे कोई गुंडों की टोली हमला करे, इस तरीके से पाकिस्तानी रेंजर्स अदालत के कमरे के शीशे को तोड़ते हैं, चिल्लाते हुए जमानत अर्जी के लिए अदालत में आए इमरान खान का कालर पकड़कर खींचते हुए सेना के वाहन में ले जाकर ठूंस देते हैं। यह सारा तरीका भयानक है। इमरान की गिरफ्तारी के जो दृश्य मीडिया के माध्यम से सामने आए हैं, उसे देखते हुए ये गिरफ्तारी है या अपहरण? ऐसा प्रश्न सबके मन में आ सकता है। हालांकि, पाकिस्तान के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है, लेकिन इस कार्रवाई के पीछे बड़ी साजिश है। पाकिस्तानी सेना और वहां की शरीफ सरकार ने यह साजिश रची और इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप है कि इमरान ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान अल-कदीर ट्रस्ट के एक विश्वविद्यालय को अवैध रूप से करोड़ों रुपए की जमीन दी थी। यह गिरफ्तारी पाकिस्तान के एक अरबपति उद्योगपति मलिक रियाज की शिकायत के आधार पर की गई है। ऊपरी दिखावा किया जा रहा है, फिर भी गिरफ्तारी के पीछे की यही वजह है, इस पर खुद पाकिस्तान की जनता विश्वास नहीं करेगी। असल में प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के खिलाफ इमरान खान का खोला गया मोर्चा और सैन्य अधिकारियों पर लगाए गए गंभीर आरोप ही इमरान की गिरफ्तारी की असली वजह है। महज तीन दिन पहले शनिवार को लाहौर में अपनी पार्टी ‘तहरीक-ए-इंसाफ’ की एक बैठक में बोलते हुए इमरान खान ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारी मेजर जनरल फैसल नसीर ने दो बार मेरी हत्या करने की कोशिश की थी, ऐसा खुलासा इमरान खान द्वारा किए जाने के बाद पाकिस्तान में हलचल मच गई। सेना की आलोचना करनेवाले एक पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ की आईएसआई ने केनिया में कैसे हत्या की, इसकी कहानी इमरान ने लाहौर की सभा में सुनाई थी। इन आरोपों से आगबबूला हुई पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने इमरान को कैद करने का फैसला किया लेकिन सेना को बदनामी से बचने के लिए भ्रष्टाचार का मामला खड़ा कर दिया गया। इमरान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में इमरान की पार्टी के समर्थक कार्यकर्ता जगह-जगह आंदोलन कर रहे हैं। इस्लामाबाद के कई स्थानों पर तोड़-फोड़ और आगजनी की घटना के बाद वहां कर्फ्यू लगा दिया गया है। सेना की तानाशाही के खिलाफ पहली बार पाकिस्तानी जनता की सड़क पर उतरने की तस्वीर कई शहरों में दिखाई दे रही है। आक्रोशित जनता सड़कों पर जो दिखाई दे रहा है, उन सैनिकों पर हमले कर रही है। रावलपिंडी में उग्र भीड़ ने पाक सेना के एक कोर कमांडर के बंगले में आग लगा दी। बंदूकों की परवाह किए बिना लोग सेना की छावनियों में घुसकर तोड़-फोड़ और आगजनी कर रहे हैं। सेना की दहशत वाले पाकिस्तान में अब तक ऐसा मंजर कभी नहीं देखा गया था। अगर यह आक्रोश देश के कोने-कोने में पैâल गया तो लोकतंत्र की रक्षा व सेना और सरकार के दबाव के खिलाफ पाकिस्तान में गृहयुद्ध छिड़ सकता है। इमरान की पार्टी का आरोप है कि गिरफ्तारी के बाद इमरान के साथ मारपीट की जा रही है और पाकिस्तानी रेंजर्स उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। अपने राजनीतिक विरोधियों को जैसे चाहो उस तरीके से खत्म करना, झूठे आरोप लगाकर जेल में कैद करना, बदनामी की मुहिम चलाना, ऐसे भयानक मामलों का चलन हर देश की राजनीति में प्रचलित हो गया है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इसी तरह की बदले की राजनीति में गिरफ्तार किया गया है। यहां अब तक जिन नेताओं ने प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया है, उन्हें या तो जेल भेज दिया जाता है, फांसी पर लटका दिया जाता है या देश के बाहर जाकर शरणार्थी जीवन जीना पड़ता है। पाकिस्तान के इस काले इतिहास में अब एक और नाम जुड़ गया है। क्रिकेट के खेल से राजनीति के खेल-खिलवाड़ में उतरे इमरान का आगे क्या होगा, इस सवाल का जवाब आज तो कोई नहीं दे सकता!

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