मुख्यमंत्री शिंदे का कहना है कि देश में सिर्फ ‘मोदी पैटर्न’ चलेगा, बाकी सभी पैटर्न भंगार में चले जाएंगे। उसी मोदी पैटर्न के अनुसार, भ्रष्टाचार में लवरेज और भाजपा की वॉशिंग मशीन में घुसे हुए उम्मीदवार की घोषणा शिंदे ने की। मिंधे-फडणवीस गुट ने उत्तर-पश्चिम मुंबई से रवींद्र वायकर और दक्षिण मुंबई से यामिनी जाधव को लोकसभा उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा और मोदी पैटर्न का मान रखने की कोशिश की। पहले इन दोनों के खिलाफ भाजपा ने भ्रष्टाचार और हेराफेरी के आरोप लगाकर हंगामा कर दिया था। मुलुंड के बेशर्म पोपटलाल ने इन दोनों के भ्रष्टाचार की कुंडली निकाली थी। यह भी एलान किया गया कि जब तक इन दोनों को जेल नहीं दिखाई जाएगी, वह चैन से नहीं बैठेंगे। इसलिए अब इस बेशर्म पोपटलाल को इन दोनों के चुनाव का प्रचार प्रमुख नियुक्त किया जाना चाहिए। लोकतंत्र, कानून और न्यायपालिका का भाजपा ने सत्यानाश कर दिया है। मोदी का पैटर्न पहले ‘भ्रष्ट भ्रष्ट’ कहकर जमीन आसमान एक कर देना, बदनाम करना और फिर उन्हें सांसद उम्मीदवार के रूप में भाजपा में ले लेना है। मोदी ने कर्नाटक में बीस हजार लोगों का बलात्कार करने वाले प्रज्वल रेवन्ना के लिए जी भरकर प्रचार किया। इस प्रज्वल रेवन्ना ने सत्तर साल की वृद्धा को भी नहीं बख्शा। मोदी ने रेवन्ना की पीठ थपथपाकर उसे आशीर्वाद दिया। अब यह रेवन्ना जर्मनी भाग गया। बलात्कारी और भ्रष्ट ऐसे सभी लोगों की ‘गठरी बांधकर’ चुनाव जीतने का मोदी पैटर्न देश की प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाली है। मोदी सत्ता के लिए अतृप्त भटकती हुई आत्मा है। यह लालच आज हर स्तर पर दिखाई दे रहा है। शिवसेना-फडणवीस गुट के नेता मिंधे कहते हैं, ‘२०-२० घंटे काम करने वाले मोदी का नेतृत्व हैं। उनकी ऊर्जा ‘ईश्वरीय’ है और उनसे हमेशा ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है। मिंधे को मिली प्रेरणा से ही वह लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार का भंगार माल लेकर आए हैं। मिंधे और उनके साथ अलग हुए ४० लोग ‘मोदी पैटर्न’ की भटकती और अतृप्त आत्माएं हैं। इसलिए उन्हें मोदी से प्रेरणा और ऊर्जा मिलना स्वाभाविक है। मोदी काल में महाराष्ट्र में हजारों किसानों ने आत्महत्या की। कई विधवाओं ने अपने मंगलसूत्र, जमीनें गिरवी रख दीं। साहूकार का कर्ज न चुका पाने के कारण उसने आत्महत्या कर ली। इन सभी की इच्छाएं अतृप्त हैं और इन सभी किसानों की आत्माएं भाजपा की गर्दन पर बैठने वाली हैं। मोदी-शाह फिलहाल महाराष्ट्र में डेरा जमाए हुए हैं। उनकी आत्माएं महाराष्ट्र में अतृप्त भटक रही हैं। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस जैसी महाराष्ट्र स्वाभिमानी पार्टियों को तोड़ने के बाद भी मोदी की आत्मा शांत नहीं हुई। क्योंकि कल को वे महाराष्ट्र से मुंबई को तोड़ना चाहते हैं, लेकिन यह कभी संभव नहीं होगा। महाराष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले १०७ शहीदों की ‘आत्माएं’ महाराष्ट्र के आसमान में घूम रही हैं और वे मोदी-शाह के सभी भूतों को हमेशा के लिए नष्ट कर देंगी। मोदी-शाह और उनके सहयोगी महाराष्ट्र को लेकर सशंकित हैं। ये अतृप्त आत्माएं महाराष्ट्र में कितना भी घूमें, इन्हें जीत नहीं मिलेगी। वायकर और यामिनी जाधव के नामांकन के बाद बेशर्म पोपटलाल जैसे ‘मुंजे’ शमशान घाट के पीपल पर जाकर उल्टा लटकने वाले हैं। क्या अजीत पवार, हसन मुश्रीफ और अब वायकर, यामिनी के लिए फडणवीस प्रचार करेंगे? साथ ही, क्या फडणवीस के प्रचार मंच पर आने से पहले मुलुंड के बेशर्म पोपटलाल वायकर-यामिनी के स्तुति गान करेंगे? महाराष्ट्र एक बार इन्हीं आंखों से ये नजारा देखना चाहता है। ये भाजपा, फडणवीस, पोपटलाल से ही समय का बदला है, लेकिन निर्लज्जम सदा सुखी ये इसी तरह के लोग हैं। भले ही आप निर्लज्ज हो गए हों लेकिन महाराष्ट्र ने लज्जा नहीं छोड़ी है। भ्रष्टाचार के ‘मोदी पैटर्न’ को हमेशा के लिए भंगार में डाले बिना मर्हाठी जनता चैन से नहीं बैठेगी।