– १,१८५ विद्यार्थी नौवीं कक्षा में प्रवेश से वंचित
योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
एक ओर शिंदे सरकार शिक्षा के अधिकार की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर स्कूलों में बच्चों को दाखिला तक नहीं दे पा रही है। आलम यह है कि पालघर जिले के आदिवासियों के करीब १,१८५ छात्र कक्षा नौवीं में एडमिशन से वंचित रह गए हैं। स्कूलों में जगह और स्टाफ की कमी की दलील देकर बच्चों को उनके शिक्षा के अधिकार से वंचित रखा जा रहा है।
पालघर जिले के डहाणू, तलासरी और जव्हार तालुका में आठवीं कक्षा उत्तीर्ण करनेवाले लगभग १,१८५ छात्रों को उपलब्ध क्षमता की समस्या के कारण इस वर्ष शिक्षा से वंचित रहना पड़ रहा है। यह संख्या २,००० से अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही है।
जिले में शैक्षिक स्थिति की बदहाली को देखते हुए कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को ठाणे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित आश्रम स्कूलों में दाखिला दिलाने में रुचि दिखाई है।
शैक्षणिक वर्ष २०२३-२४ में आठवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों की संख्या ८,२५९ थी, लेकिन मात्र ७,०७४ विद्यार्थियों को ही नौवीं कक्षा में प्रवेश मिला है। इनमें से ८४४ छात्र डहाणू से, १७८ तलासरी से और ६६ छात्र जव्हार तालुका से हैं। २०१७ से पालघर जिला परिषद ने ६० स्कूलों में ९वीं-१०वीं की कक्षाएं शुरू की थीं। लेकिन फिलहाल पालघर के ४१ जिला परिषद स्कूलों में ९वीं और १०वीं की कक्षाएं चल रही हैं, इनमें करीब सात हजार छात्र पढ़ रहे हैं। हालांकि, कक्षाओं और शिक्षकों की सीमित संख्या के कारण कई छात्र नौवीं कक्षा में प्रवेश से वंचित रह जाते हैं।
पालघर जिले में कई सरकारी और सहायता प्राप्त आश्रम स्कूल हैं, जहां नौवीं कक्षा के छात्रों को समायोजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन इन आश्रम स्कूलों को अपने छात्रों को समायोजित करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में नौवीं कक्षा में बाहरी स्कूलों के छात्रों का एडमिशन नहीं हो पा रहा है।
शिक्षा का गिरता स्तर
पालघर जिला परिषद के स्कूलों में शिक्षा का स्तर खराब है। आठवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले कई छात्र पढ़-लिख भी नहीं सकते हैं। ऐसे में निजी या सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रवेश लेने के बाद ऐसे छात्रों को अगली कक्षा उत्तीर्ण करने में कठिनाई होती है। कई तालुकाओं में नौवीं कक्षा में प्रवेश की समस्या पिछले कई वर्षों से बनी हुई है, इसलिए यह देखा गया है कि पालघर जिले के ग्रामीण इलाकों के अभिभावक अपने बच्चों को ठाणे के ग्रामीण इलाकों में सब्सिडी वाले आश्रम स्कूलों में दाखिला दिलाना पसंद करते हैं। गिरते शिक्षा के स्तर से कक्षा तीन से कक्षा पांच तक पालघर जिले के जिला परिषद स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार कम हो रही है।