सामना संवाददाता / मुंबई
बृहन्मुंबई महानगरपालिका शिक्षण विभाग एफ-उत्तर विभाग में सर्व धर्मिय मुख्याध्यापक, शिक्षक एवं कर्मचारियों के लिए ईद मिलन का आयोजन किया गया। पारनेर के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रफिक सय्यद ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि हम सभी एक ही ईश्वर की संतान हैं। मोहम्मद पैगंबर एवं संत तुकाराम के साहित्य हमें एक सूत्र में बाधते हैं। डॉ. सय्यद के भावनात्मक विचार सुनकर सभी मंत्रमुग्ध हो गये। उन्होंने रोजा और एकादशी व्रत के बारे में बोलते हुए कहा कि व्रत का अर्थ केवल शरीर को कष्ट देना नहीं है। रोजा या एकादशी केवल शरीर के लिए ही नहीं होता है बल्कि यह आंख, कान, हाथ, पैर के लिए भी होता है। हराम की कमाई क्या है? यह भी उन्होंने योग्य पद्धति से बताया। वर्तमान परिस्थिति में समता एवं बंधुता समस्त मानव जाति में आए इस हेतु हम सभी को प्रयत्न करते रहना चाहिए। इस कार्यक्रम का आयोजन शिक्षण विभाग के प्रशासकीय अधिकारी किसनराव पावडे पाटील ने किया।
इस अवसर पर बौद्ध धर्म के प्रचारक-प्रसारक व सुप्रसिद्ध पत्रकार विजय झिमूर एवं उनकी पत्नी श्रीमती झिमुर, हभप. अशोक महाराज हांडे देशमुख, माणुसकी का स्कूल के संस्थापक मारुति शेरकर, विभाग निरीक्षक अलमास शेख, निरीक्षक शाला पूजा पाटील, कय्युम तडवी, साउथ इंडियन समाज के केनेडी, पत्रकार पानसरे, मुख्याध्यापिका रुक्सार खान सभी मुख्याध्यापक एवं शिक्षक उपस्थित थे।इस कार्यक्रम के आयोजन को सफल बनाने हेतु शोएब, वसीम, झीशान, शब्बीर एवं सभी उर्दू माध्यम के युवा, तेज तर्रार शिक्षकों ने किया। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन साहित्यिक एवं मुख्याध्यापक मारुती शेरकर ने अपनी आकर्षक शैली में किया।