सामना संवाददाता / मुंबई
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता के विरोध में मुंबई समेत महाराष्ट्र में शुरू हड़ताल के आठवें दिन भी अस्पतालों में विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया है। इसके अलावा हड़ताल के कारण मुंबई मनपा अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं चरमरा गई हैं। इसके साथ ही सर्जरी भी बंद हो गई। इस पृष्ठभूमि में अब मनपा की उच्च स्तर पर हुई बैठक में प्रमुख और उपनगरीय अस्पतालों में सिक्योरिटी कंट्रोल रूम शुरू करने का फैसला लिया गया है।
डॉक्टरों को भी शिष्टाचार पाठ
अतिरिक्त आयुक्त बांगर ने निर्देशित करते हुए कहा कि अस्पताल परिसर में तैनात सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त होनी चाहिए। किसी घटना या घटना के बाद सुरक्षा अधिकारी ने अपनी भूमिका किस प्रकार निभाई, इसका नियमित ऑडिट करना जरूरी है। किसी घटना या घटना से निपटने के लिए एक एसओपी लागू करना महत्वपूर्ण है। अस्पताल प्रमुखों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि मरीज की देखभाल को प्राथमिकता देते समय सुरक्षा गार्ड, डॉक्टरों सहित कोई भी अस्पताल कर्मचारी अभद्र व्यवहार न करे।
अस्पतालों में सीसीटीवी से निगरानी
बांगर ने कहा कि अस्पताल परिसर पूरी तरह से सीसीटीवी निगरानी में रहना चाहिए। उन्होंने सुरक्षा विभाग को सीसीटीवी वैâमरा नियंत्रण कक्ष बनाने और २४ घंटे इसे संभालने के लिए कर्मचारी को नियुक्त करने का भी निर्देश दिया। इस सीसीटीवी कवरेज के भंडारण और अतिरिक्त बैकअप की व्यवस्था की जानी चाहिए। बांगड़ ने अस्पताल, वैंâटीन, वैंâपस, कॉमन रूम, हॉस्टल वैंâपस, हॉस्टल कॉमन रूम आदि में पर्याप्त लाइटिंग के भी निर्देश दिए।
कल भी हुई १८ मरीजों की मौत
विभागप्रमुख और वरिष्ठ डॉक्टरों ने कल भी ओपीडी संभाले रखा, लेकिन सर्जरी प्रभावित रही। ओपीडी में इलाज के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा। पिछले दिनों हड़ताल में शामिल हुए सीनियर डॉक्टर मंगलवार को ओपीडी में मरीजों का इलाज करते दिखे। मनपा से मिली जानकारी के अनुसार, केईएम अस्पताल में ओपीडी में २,३१८, सायन में १,१८७, नायर में १,२८३, कुपर में ९८७ मरीजों की जांच की गई, जबकि इन अस्पतालों में अस्पताल में ९३ सर्जरी की गर्इं। शनिवार से सायन अस्पताल में कोई सर्जरी नहीं हुई है। इस बीच १८ मरीजों की मौत भी हुई।