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बेहद महत्वपूर्ण है एकादशी का व्रत

शीतल अवस्थी

हर माह दो एकादशियां आती हैं। शास्त्रों में इन दोनों एकादशियों के लिए कुछ ऐसे काम बताए गए हैं, जो व्यक्ति को नहीं करने चाहिए। एकादशी के दिन किए जाने वाले व्रत और उपाय से अक्षय पुण्य मिलता है, पाप नष्ट होते हैं, मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
एकादशी पर व्रत करें या न करें, हमें उड़द की दाल, मसूर नहीं खाना चाहिए। किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दी गई खाने की चीजें भी नहीं खाना चाहिए, बल्कि दूसरों को खाना खिलाना चाहिए। इस दिन एक ही बार भोजन करना चाहिए। एकादशी पर व्रत करेंगे तो इससे स्वास्थ्य को भी लाभ अवश्य मिलेगा। इससे महीने में दो दिन हमारे पाचन तंत्र को भी आराम मिलता है। खान-पान में संयम रखने से मोटापा, कब्ज आदि परेशानियों में भी लाभ मिलता है।
एकादशी के व्रत में दूध और फलों का ही सेवन करना चाहिए। पति-पत्नी इस बात का विशेष ध्यान रखें कि एकादशी पर घर का वातावरण शांत रहे। घर में शांति रहेगी तो पूजा आदि कर्म भी पूरी एकाग्रता से हो पाएंगे। जिन घरों में शांति और प्रेम रहता है, वहां सभी देवी-देवता निवास करते हैं। किसी की चुगली करना या बुराई करना पाप माना गया है। दूसरों की बुराई करने से या चुगली करने से हमारी छबि ही खराब होती है।
एकादशी पर किसी भी व्यक्ति के लिए गलत नहीं सोचना चाहिए। मन में दूसरों के लिए बदले की भावना भी नहीं होनी चाहिए। दूसरों की गलतियों को क्षमा करें और पूरी एकाग्रता से पूजा करें। दिन में सोना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। यदि कोई स्त्री गर्भवती हो, कोई वृद्ध हो, बच्चा हो या कोई बीमार हो तो वह दिन में सो सकता है, लेकिन स्वस्थ व्यक्ति के लिए दिन में सोना मना किया गया है। ये समय काम करने के लिए है और इस समय में आराम करने पर देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती है। एकादशी पर समय का सही उपयोग करते हुए पूजा की जा सकती है। मंदिर जा सकते हैं। घर में या बाहर किसी भी व्यक्ति का अपमान न करें। अपमानित होने वाला व्यक्ति दुखी होता है, जिससे हमारे पुण्य कर्म नष्ट होते हैं। इसीलिए सभी का सम्मान करें। दूसरों की गलतियों को भूलकर आगे बढ़ें और सभी को खुश रखें।

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