राजन पारकर / विधान भवन
महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचाने वाला फैसला सामने आया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खास माने जाने वाले अजय आशर को महाराष्ट्र परिवर्तन संस्थान (मित्रा) के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है। यह फैसला महायुति सरकार में बढ़ती तनातनी को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है। इससे पहले एकनाथ शिंदे सरकार के दौरान अजय आशर को ‘मित्रा’ संगठन का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन अब भाजपा सरकार ने इस संस्था का पुनर्गठन कर दिया है। नए बदलाव के तहत अब तीनों गठबंधन दलों के नेता इस संस्था के उपाध्यक्ष होंगे।
शिंदे के लिए यह बड़ा झटका इसलिए भी माना जा रहा है, क्योंकि जब उन्होंने शिवसेना से बगावत कर भाजपा के साथ सरकार बनाई थी, तब ‘मित्रा’ का गठन नीति आयोग की तर्ज पर किया गया था। राज्य के विकास और निवेश बढ़ाने के लिए बनाए गए इस थिंक टैंक की कमान अजय आशर के हाथों में थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री फडणवीस के भरोसेमंद प्रवीण परदेशी को ‘मित्रा’ का सीईओ बनाया गया है।
भाजपा इससे पहले भी शहरी विकास विभाग में अजय आशर की भूमिका को लेकर असहज थी, लेकिन शिंदे सरकार में उनकी मौजूदगी बनी रही। अब फडणवीस ने अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के मौके पर यह बड़ा फैसला लेकर साफ संदेश दे दिया है कि सरकार में उनका नियंत्रण मजबूत है। इस फैसले से महायुति में दरार और गहरी होने की आशंका जताई जा रही है।