मुख्यपृष्ठनए समाचारदेश से भाजपा को हमेशा के लिए खत्म करो!-गरजे उद्धव ठाकरे

देश से भाजपा को हमेशा के लिए खत्म करो!-गरजे उद्धव ठाकरे

सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा का हिंदुत्व एक छल है और वे सत्ता के लिए भ्रष्टाचारियों को साथ में लेकर चल रहे हैं। उनकी सत्ता जिहाद है। उसके खिलाफ हम दृढ़ता से खड़े हैं। इस तरह की गर्जना करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम पहले कांग्रेस के खिलाफ थे। हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के कांग्रेस विरोधी भाषणों को सुनकर मैं बड़ा हुआ हूं। इसलिए इस कार्यक्रम में क्या बोलना है इसका सवाल ही नहीं था। लेकिन जो पसंद नहीं था उसके खिलाफ कल भी बोल रहा था और आज भी बोल रहा हूं। इस तरह से उन्होंने अपना रुख स्पष्ट किया। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रतिज्ञा करते हुए बढ़ना है कि देश से भाजपा को हमेशा के लिए खत्म करना है।
मुंबई के षण्मुखानंद ऑडिटोरियम में मंगलवार को सद्भावना दिवस संकल्प सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बोलते हुए शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने सत्ताधारियों के झूठ को उजागर किया और उन पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में आपने कांग्रेस पार्टी का बैनर और पार्टी के नाम वाली पट्टी गले में पहने था। अब उसकी खबर कल करेंगे। उनके पास खुद के बारे में कहने को कुछ नहीं है। इसलिए वे अपनी बातों को बड़ा करते हैं। वे राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी की जयंती को हम सद्भावना दिवस के रूप में मनाते हैं। अब राजनीति में एक तरफ सद्भावना और दूसरी तरफ बदले की भावना है। हम सदैव सद्भावना के साथ रहे हैं और रहेंगे। हमने विरोध किया, शरद पवार और बालासाहेब के बीच घनिष्ठ संबंध थे विरोध भी था। अपने रिश्ते को वे ही बता सकते हैं। इस तरह का उनका रिश्ता था। कांग्रेस और राकांपा शिवसेना से ज्यादा समय तक सत्ता में रहीं। हम पुरजोर विरोध किया करते थे। लेकिन उसमें बदले की भावना कभी भी नहीं थी। कांग्रेस और हमने कभी भी बदले की भावना नहीं रखी है। इसे ही शासक कहते हैं। इस दौरान उन्होंने वर्ष १९९५ में हुआ एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि उस समय शिवसेना और भाजपा की सरकार बनी थी। उस दौरान बालासाहेब ने मुख्यमंत्री मनोहर जोशी और उपमुख्यमंत्री गोपीनाथ मुंडे से कहा था कि आप शासक हैं। बालासाहेब ने दोनों नेताओं से कहा था कि कांग्रेस उनके खिलाफ प्रदर्शन करेगी और सड़कों पर उतरेगी। लेकिन उन पर लाठी नहीं चलाना है। भले ही वो कांग्रेस के हैं, लेकिन फिर भी वे हमारे महाराष्ट्र के ही हैं। उद्धव ठाकरे ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि अब इंसानियत की ये भावना नजर नहीं आती, ये भावना कम होती जा रही है। शिवसेनाप्रमुख ने राजीव गांधी की भी आलोचना की। लेकिन उस समय शिवसैनिकों के घर पर ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स वाले नहीं आए थे। कई बार इंसान को समझने में लगता है। राजीव गांधी कैसे थे, यह समझने में भी थोड़ा समय लगा। इसी तरह ही अब के लोग कैसे हैं, यह समझने में भी समय लगा। लेकिन हमें लोगों को समझकर उनमें सुधार करना चाहिए। वे हमारा दुरुपयोग करते हुए दिल्ली गए और अब हमें ही आंख दिखा रहे हैं। लेकिन राजीव गांधी ने कभी द्वेष नहीं रखा। यही अंतर है। वह शिवसेना की वजह से ही वे सत्ता में आए, संकट के समय दोस्त की तरह आपका साथ दिया। उन्होंने यह भी पूछा कि वे ही हमें खत्म करने जा रहे हैं, वे हमारे दोस्त वैâसे हो सकते हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि राजीव गांधी एक सभ्य, सुसंस्कृत व्यक्तित्व थे। उन्होंने किसी राज्य की पहचान नहीं मिटाई। उन्होंने कई टीकाकरण अभियान चलाए। हालांकि, किसी भी वैक्सीन पर उनकी कोई तस्वीर नहीं थी। अब मणिपुर जल रहा है। इससे सत्ताधारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता। उस समय राजीव गांधी ने उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ शांति संधि पर हस्ताक्षर किए थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने राजीव गांधी के बारे में कहा था। आज हम राजीव गांधी की वजह से जिंदा हैं। राजीव गांधी ने उन्हें इलाज के लिए विदेश भेजकर भी मदद की। वह बिना एक भी घोषणा किए ४०० के पार पहुंच गए थे। जनता के सत्ता देने के बाद भी उन्होंने सत्ता का विकेन्द्रीकरण किया। लोकतंत्र को बचाए रखते हुए अधिकारों का बंटवारा किया था।

‘अहंकारी नरेंद्र मोदी, तानाशाह बनकर सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं’
देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने सर्वाधिक ४१५ सीटें जीतीं, लेकिन उनमें अहंकार नहीं था। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने ४०० सीटों का नारा दिया, लेकिन महाराष्ट्र ने उन्हें बड़ा झटका दिया और ४०० पार के नारे पर पानी फिर गया। मोदी को जेडीयू और तेलुगु देशम के समर्थन से सरकार बनानी पड़ी। मोदी सरकार अल्पमत सरकार है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश की भलाई के लिए नहीं, बल्कि तानाशाह बनकर सत्ता पर काबिज होने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने उन्हें ठेंगा दिखा दिया है। विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ना है और राज्य में एक बार फिर मविआ की सरकार लाने के लिए काम करना है।

 

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