रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से बगावत करनेवाला कोई भी शख्स ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रहता और रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के मालिक येवगिनी प्रिगोजिन के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। प्रिगोजिन अपने सहयोगियों के साथ एक विमान हादसे का शिकार हो गए। इसके पीछे लोग पुतिन का हाथ बता रहे हैं। हालांकि, यह कोई पहला मामला नहीं है जब किसी देश के नेता ने अपने प्रतिद्वंद्वी को रास्ते से हटाने के लिए इस तरह से उसको मरवाया हो। ऐसा पहले भी हुआ है और आगे भी होता रहेगा। प्रिगोजिन की मौत के साथ ही चीन के नेता लिन बियाओ की मौत की घटना भी ताजा हो गई है। लिन बियाओ ने भी माओत्से तुंग का विरोध किया था। बताया तो यह भी जाता है कि उसने माओत्से को मारने की साजिश रची थी, लेकिन वह अपने इस प्लान में कामयाब होते इससे पहले ही प्लान लीक हो गया और बियाओ का अंत भी प्रिगोजिन की तरह हुआ।
बियाओ का प्लान हुआ लीक
साजिश का खुलासा होने के बाद लिन बियाओ, उनकी पत्नी और उनके बेटे सहित साजिशकर्ताओं की तत्काल गिरफ्तारी का आदेश दिया गया। यह जानकर कि उनकी साजिश का पर्दाफाश हो गया है, लिन का परिवार आधी रात में अपने घर से भागकर पास के सैन्य हवाई क्षेत्र में चला गया, वहां उन्होंने ब्रिटिश निर्मित ट्राइडेंट जेट की कमान संभाली और उड़ान भरी।
लिन बियाओ और माओत्से तुंग के बीच मतभेद
१९६० के दशक के अंत में लिन बियाओ और माओत्से तुंग के बीच अनबन हो गई। लिन बियाओ एक शक्तिशाली सैन्य नेता थे, जो कई वर्षों तक माओ के करीबी सहयोगी रहे थे। हालांकि, वह माओ की बढ़ती कट्टरपंथी नीतियों से असहमत होने लगे और दोनों व्यक्ति एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी बन गए। माना जाता है कि १९७१ में लिन बियाओ ने माओ की हत्या की साजिश रची थी। उसने तख्तापलट शुरू करने और सत्ता पर कब्जा करने की योजना बनाई, लेकिन माओ ने साजिश को नाकाम कर दिया गया। बाद में लिन बियाओ को चीन से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। भागने की कोशिश करते समय एक विमान दुर्घटना में उनकी और उनके परिवार की मृत्यु हो गई। कई लोगों का मानना है कि वास्तव में उनकी हत्या चीनी सरकार ने की थी। लिन बियाओ की मौत का रहस्य कभी भी पूरी तरह से सुलझ नहीं पाया।
चीन के दावों पर उठते सवाल
लिन बियाओ की मौत मामले में चीन की बताई गई कहानी में कई खामियां देखने को मिलीं। सबसे दिलचस्प बात यह थी कि लिन बियाओ की उड़ान के आधिकारिक चीनी, रूसी और मंगोलियाई फोरेंसिक टीम द्वारा मौके पर की गई जांच के बीच स्पष्ट विसंगतियां थीं। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, जब पायलट और यात्रियों के बुरी तरह से जले हुए शव मलबे से बरामद किए गए, तो कई शवों पर गोलियों के निशान थे।