मुख्यपृष्ठनए समाचारविकास के नाम पर उड़ रही हैं पर्यावरण की धज्जियां : हजारों...

विकास के नाम पर उड़ रही हैं पर्यावरण की धज्जियां : हजारों पेड़ों का हुआ कत्ल!-शिवसेना ने सरकार को घेरा

सामना संवाददाता / मुंबई
विकास के नाम पर पर्यावरण की धज्जियां उड़ाकर पेड़ों का कत्ल किया जा रहा है, यह दावा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के विधायक रविंद्र वायकर ने किया। उन्होंने कहा कि विकास कार्य करते समय संबंधित विभागों द्वारा अनुमति प्रदान की जाती है। लेकिन कितने पेड़ों को काटने की इजाजत दी है, वास्तव में कितने पेड़ काटे गए हैं, इसका निरीक्षण कौन करता है? यह बात वायकर ने विधेयक संख्या ३२ पर चर्चा के दौरान कही। विधायक रिंवद्र वायकर ने सवाल उठाया कि अनुमति से अधिक पेड़ काटने की बात सामने आने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती, ऐसा सवाल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के विधायक रविंद्र वायकर ने विधेयक क्रमांक ३२ पर बोलते हुए उपस्थित किया।
जोगेश्वरी विधानसभा क्षेत्र में एक विकासक ने शुरू में विकास करते समय भूखंड पर २१२ पेड़ दिखाए। प्रत्यक्ष रूप से विकास का काम शुरू करते समय वर्ष २०२१ में केवल ११० पेड़ दिखाए, बाकी भूखंड पर जो १०२ पेड़ थे वे कहां गए? ऐसा सवाल उन्होंने सदन में किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की धज्जियां उड़ाकर पेड़ काटे जा रहे हैं। इसी तरह जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड चौड़ीकरण और मेट्रो कार्य में संबंधित विभाग द्वारा दी गई अनुमति से अधिक १५० से २०० पेड़ काटे गए। दोनों मामलों में मनपा के पार्क विभाग ने मेघवाड़ी और एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत किए दो महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक इन दोनों घटनाओं में दोषियों के खिलाफ पुलिस स्टेशन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
विकास कार्य के दौरान काटे गए पेड़ों को दोबारा लगाया गया है। वह जीवित हैं या नहीं, इसकी जांच करने की कोई व्यवस्था नहीं है। यदि हां, तो उनके निरीक्षण के दौरान संबंधित यंत्रणा नजर नहीं आती है। इसलिए संबंधित एजेंसियों द्वारा दी गई अनुमति से अधिक पेड़ काटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ऐसा वायकर ने कहा।

पर्यावरण का न हो नाश!
राज्य वृक्ष प्राधिकरण ने एरियल सर्वे किया और हैरिटेज वृक्षों के संवर्धन करने के लिए योजना लाई। पर्यावरण का नाश करके मुंबईकरों का विकास नहीं चाहिए। दूसरी ओर ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के नाम पर वृक्षों की कटाई करना योग्य नहीं है। वृक्षों की सीधे कटाई के संदर्भ में स्थानीय प्राधिकरण की ओर से अनुमति दी जानेवाली है, परंतु ऐसी अनुमति देने से पहले संबंधित महापालिका आयुक्त पर अंकुश लाने की आवश्यकता है, ऐसा सुनील प्रभु ने कहा महाराष्ट्र नागरिक क्षेत्र पेड़ संरक्षण व जतन संशोधन विधेयक २०२३ पर चर्चा के दौरान सुनील प्रभु ने कहा।

अन्य समाचार