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पर्यावरणविदों और साइकिलिस्टों ने बीकेसी में साइकिल ट्रैक हटाने का किया विरोध! …ट्रैक हटाने पर साइकिल चालकों का क्या होगा?

– पर्यावरणविदोें का सवाल
अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
बांद्रा-कुर्ला संकुल में ट्रैफिक जाम को हटाने के लिए साइकिल ट्रैक हटाकर सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जानी चाहिए, ऐसा पत्र खुद पालकमंत्री ने एमएमआरडीए को लिखा है। इस कारण पर्यावरणविदों और साइकिलिस्टों में नाराजगी फैल गई है।
साइकिल ट्रैक स्थायी रूप से हटा दिया जाता है तो पर्यावरण संरक्षण और साइकिल चालकों का क्या होगा, वे साइकिल कहां चलाएंगे, ऐसा सवाल भी उन्होंने किया है।
बीकेसी की सड़क के साथ स्थित साइकिल ट्रैक वर्तमान में मेट्रो परियोजनाओं के काम के कारण अनुपयोगी पड़ा है, लेकिन मेट्रो के काम के लिए खुदाई शुरू करने से दो-तीन साल पहले यहां रोज सुबह साइकिलिंग की जाती थी। वरिष्ठ नागरिक, युवा इसमें शामिल होते थे। साथ ही कई कॉर्पोरेट कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी वाहन के बजाय साइकिल से संकुल में आते थे, लेकिन मेट्रो के काम के लिए खुदाई होने से साइकिल ट्रैक अनुपयोगी हो गया और अगर यह अब स्थायी रूप से हटा दिया गया तो हम साइकिल वैâसे चलाएंगे, यह सवाल उठाया गया है।

 यह स्थिति आने ही वाली थी, क्योंकि एमएमआरडीए द्वारा बेहतरीन साइकिल ट्रैक बनाया गया लेकिन राइडरशिप और लोगों को वहां लाने का प्रयास नहीं किया गया। जब स्थिति ऐसी होगी, तब ऐसे कदम उठाना कुछ नया नहीं है। जबकि बीकेसी अपने आप में एक ऑफिस क्षेत्र है, जहां पर अलग ऑफिस के एचआर एम्प्लॉय को साइकिल के लिए प्रेरित करना चाहिए ।
– फिरोजा सुरेश, साइकिलस्ट

 ‘बीकेसी में ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए साइकिल ट्रैक को हटाना सही उपाय नहीं है। इससे कई लोगों को असुविधा होगी। एमएमआरडीए को एक नए स्थान पर साइकिल ट्रैक बनाना चाहिए।’
– अनिल तांबे, अध्यक्ष, मुंबई साइकिल एसोसिएशन

 ‘एक तरफ सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देती है, तो दूसरी तरफ साइकिल चालकों के ट्रैक को हटाया जा रहा है। यह बेहद निराशाजनक है।’
– विनोद रावत, साइकिलिस्ट (दिव्यांग)

 ‘वर्तमान में बीकेसी में मेट्रो का काम चल रहा है जिससे सड़कें संकरी हो गई हैं और ट्रैफिक जाम हो रहा है, इसलिए बिना पर्यावरण और साइकिल चालकों का ध्यान रखते हुए साइकिल ट्रैक हटाकर सड़क को चौड़ा करना ही एकमात्र उपाय नजर आता है।’
– एडवोकेट गोडफ्रे पिमेंटा, पर्यावरण विशेषज्ञ

 ‘एमएमआरडीए ने बीकेसी में साइकिल ट्रैक पर अब तक दस-बारह लाख रुपए खर्च किए हैं। अगर अब वही साइकिल ट्रैक हटाया जा रहा है तो यह जनता के पैसों की बर्बादी है।’
– अनिल गलगली, सामाजिक कार्यकर्ता

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