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करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी वसई विरार की सड़के नाले में हो रही है तब्दील

राधेश्याम सिंह / वसई

वसई-विरार शहर इस साल भी अधिकांश जगहों रोड पर पानी 2 फिट से ज्यादा भरे होने के कारण रोड नाले में तब्दील हो गए हैं। वसई विरार में पानी भरने की समस्या को हल करने के लिए वसई-विरार मनपा ने कल्व्हर्ट, नालियों को चौड़ा करने और सड़कों को ऊंचा करने के लिए इस साल 25 से 30 करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला किया था। लेकिन सेंट्रल पार्क, द्वारका होटल, वसई-गास, एवरशाइन क्षेत्र और शहर की अन्य सड़कों की ऊंचाई बढ़ाई गई। इसके अलावा शहर में कई नालियां और कल्व्हर्ट का निर्माण कराया गया।

मनपा के आयुक्त अनिल पवार और मनपा के अधिकारियों ने यह विश्वास व्यक्त करते हुए अपनी पीठ थपथपाई कि इस उपाय से वसई-विरार शहर पानी में नहीं डूबेगा। लेकिन महज दो दिन की बारिश ने वसई-विरार की सड़कों पर कई फिट पानी भर गया। कमिश्नर के दावे खोखले शाबित हुए, साथ ही खर्च किए गए 25 से 30 करोड़ रुपए भी पानी में डूब गए।

वसई-विरार मनपा प्री-मानसून नाले सफाई पर हर साल 10 से 15 करोड़ रुपए खर्च करता है। लेकिन हर साल नाला,नाली सफाई करने के बाद भी अधिकांश क्षेत्र में घरों में पानी भर जाता है। हर साल की तरह इस साल भी नाला सफाई पर 10 से 15 करोड़ रुपए बर्बाद हो गए। इससे पहले निरी-आईआईटी ने सिटी स्टडीज पर 12 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इसके अलावा महानगर पालिका हर साल सड़क मरम्मत और पैचवर्क के लिए 100 करोड़ का अनुमानित प्रावधान करती है। लेकिन बरसात के दौरान सड़कों का बुरा हाल हो जाता है,वसई-विरार शहर में दैनिक कचरा संग्रहण और सीवेज उपचार पर अनुमानित 200 करोड़ रुपये (वास्तव में 191,98,68,421 रुपये) खर्च किया जा रहा हैं, मनपा द्वारा 200 करोड़ का ये खर्च भी पानी में चला गया।

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