मुख्यपृष्ठनए समाचारशंभो महादेव को भी गुमराह किया जाता है...तो आम आदमी की क्या...

शंभो महादेव को भी गुमराह किया जाता है…तो आम आदमी की क्या बिसात?

-संगमदेवालय का भूमिपूजन आठ महीने पहले हुआ…पर अब तक एक भी ईंट नहीं लगी

सामना संवाददाता / बदलापुर

मुरबाड तालुका आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। पिछले दस वर्षों से यहां पर विकास के नाम पर जनता को गुमराह किया गया। उद्घाटन की होड़ में स्थानीय लोगों की मूलभूत जरूरतों की अनदेखी की जा रही है।
मुरबाड और शहापुर तालुका को जोड़ने वाली कासगाव हद के संगम पर स्थित महादेव का मंदिर, जहां हर साल महाशिवरात्रि और श्रावण के सोमवार को लाखों श्रद्धालु आते हैं, अपने पुनर्निर्माण के इंतजार में है। 8 जनवरी 2024 को बीजेपी द्वारा बड़े धूमधाम से इस मंदिर के पुनर्निर्माण का भूमिपूजन किया गया था, लेकिन भूमिपूजन के आठ महीने बाद भी यहां कोई काम शुरू नहीं हुआ है। यहां तक कि मंदिर की जमीन पर एक ईंट भी नहीं रखी गई है। सार्वजनिक बांधकाम विभाग के उपअभियंता कैलास पतिंगराव ने बताया कि इस प्रकल्प के लिए अब तक कोई इस्टीमेट नहीं बना है और न ही निधि उपलब्ध हुई है। इसका मतलब है कि बिना निधि के ही भूमिपूजन कर दिया गया।
पर्यटन विकास और तीर्थक्षेत्र विकास के नाम पर केवल योजनाएं बनाई जाती हैं। मुरबाड तालुका में देवी-देवताओं के मंदिरों के पुनर्निर्माण के नाम पर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। विज्ञान के प्रगति के साथ-साथ देवताओं की अदृश्य शक्ति के नाम पर व्यवसायीकरण हो रहा है। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर शंभो महादेव को भी गुमराह किया जा सकता है, तो आम आदमी की क्या बिसात है? पर्यटन और तीर्थक्षेत्रों के विकास के नाम पर मिलने वाली निधि का सही उपयोग नहीं हो रहा है, जिससे जनता में निराशा और आक्रोश बढ़ रहा है।

अन्य समाचार