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इंसानियत की मिसाल: दो सगे मुस्लिम भाइयों ने खून देकर हिंदू महिला की बचाई जान, युवासेना से जुड़े हैं दोनो भाई

योगेंद्र सिंह ठाकुर/पालघर

एक ओर जहां लोग धर्म के नाम पर आए दिन एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं, ऐसे में अगर कोई व्यक्ति दूसरे धर्म के व्यक्ति की जान बचाने के लिए अपना खून दान करें तो इससे बढ़कर इंसानियत का तकाजा और कुछ हो ही नहीं सकता। पालघर में मुस्लिम समाज से आने वाले आफताब हुसैन और अल्ताफ हुसैन नामक दो सगे भाइयों ने एक हिंदू महिला को ब्लड डोनेट करके हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की है।

दरअसल, पालघर के दांडी गांव की रहने वाली सुनीता तामोरे का सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके बच्चेदानी में इन्फेक्शन था, जिसके चलते उसका ऑपरेशन होना था। सुनीता के शरीर में खून की कमी होने की वजह से उसे दो बोतल ब्लड चढ़ा दिया गया था, लेकिन दो और बोतल खून की जरूरत थी। लेकिन ओ-पॉजिटिव ब्लड ग्रुप का कोई भी डोनर उनके परिजनों नहीं मिल रहा था।

खून के लिए सुनीता के परिजन दर-दर भटकते रहे।हर अस्पताल, हर ब्लड बैंक से लेकर रिश्तेदारों और आस पड़ोस में हर जगह खून का पता किया।लेकिन निराशा ही हाथ लगी। समय पर खून का इंतजाम नही हो पाने की वजह से  ऑपरेशन में देरी  हो रही थी, इसी दरम्यान पालघर युवा सेना के जिला अधिकारी जश्विन घरत को मामले की जानकारी मिली। इसके बाद जश्वीन घरत ने ब्लड डोनेट करने वाले लोगों की लिस्ट चेक की तो लिस्ट में

रिलायबल कॉम्प्लेक्स निवासी आफताब हुसैन खान और अल्ताफ हुसैन खान नामक दो भाइयों का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव मिला। दोनों से तत्काल संपर्क कर बताया गया कि एक महिला को ऑपरेशन के लिए ब्लड की जरूरत है। इसके बाद दोनों भाइयों ने जात-धर्म कुछ नहीं देखा, बस इंसानियत का फर्ज निभाया और ब्लड बैंक में जाकर अपना ब्लड दिया। परिजनों ने बताया, सुनीता का ऑपरेशन था और हमें उसके लिए खून की जरूरत पड़ी। हमने काफी जगह पता किया लेकिन हमें हर जगह से निराशा ही हाथ लगी। आफताब और अल्ताफ ने जो हमारे लिए किया है,हम उनके आभारी है।

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