सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले कुछ वर्षों में कई परियोजनाएं महाराष्ट्र से दूसरे राज्यों में चली गई हैं। अब करोड़ों रुपयों के टर्नओवर वाली एक कंपनी मुंबई को छोड़ने जा रही है। इस कंपनी का मुख्यालय बंगलुरु में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके पीछे कारण मुंबई में मनमाना किराया वसूला जाना बताया गया है। जेप्टो ऑनलाइन डिलिवरी सेवा देनेवाली कंपनी की स्थापना दो युवाओं अदित पलिचा और वैâवल्य वोहरा ने की थी। कुछ ही सालों में इस कंपनी का टर्नओवर ३.६ बिलियन डॉलर हो गया। जेप्टो का मुख्य कार्यालय जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड पर वी वर्क बिल्डिंग में था। इस बिल्डिंग में जेप्टो का ९० हजार वर्ग फीट का ऑफिस है, लेकिन इस ऑफिस का किराया यहां ज्यादा है। इसलिए जेप्टो मुंबई से अपना कारोबार समेटने जा रही है। जेप्टो का एक कार्यालय मुंबई में होगा, लेकिन मुख्य कार्यालय बंगलूरु में स्थानांतरित हो जाएगा। कंपनी ने कहा है कि इससे कंपनी को किराए पर प्रति माह ४० से ५० लाख रुपए की बचत होगी।
बंगलुरु में काम भी कर दिया गया शुरू
कंपनी के सह-संस्थापक वैâवल्य वोहरा बंगलुरु आ चुके हैं और उन्होंने काम भी शुरू कर दिया है। जेप्टो का वर्तमान में बंगलुरु में ४० हजार वर्ग फुट का कार्यालय है, साथ ही ७०० कर्मचारी काम कर रहे हैं। कंपनी ४०० और लोगों को नौकरी पर रखने जा रही है। कंपनी ने मुंबई से कई कर्मचारियों को बंगलूरू में शिफ्ट होने का अनुरोध किया है।
दक्षिण हिंदुस्थान में कारोबार बढ़ाने के लिए उठाया कदम
जेप्टो के प्रतिद्वंद्वी स्विगी और फ्लिपकार्ट का मुख्यालय बंगलुरु में है। जेप्टो ने दक्षिण हिंदुस्थान में अपना कारोबार बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है। चूंकि बंगलुरु में किराया मुंबई की तुलना में कम है इसलिए यह पैâसला जेप्टो के लिए फायदेमंद होगा। मुंबई में जहां जेप्टो का ऑफिस था, वहां १५० से १७० रुपए प्रति वर्ग फीट किराया लिया जाता था, जबकि बंगलुरु में एक वर्ग फुट के लिए ५० से ४५ रुपए वसूले जाते हैं।