आईएमएफ के कर्ज के बाद हुई ६४ रुपए प्रति यूनिट
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
पहले से ही कंगाल पाकिस्तान में महंगाई ने कहर बरपा रखा है। खाने से लेकर बिजली तक सब कुछ बहुत महंगा हो रहा है। इस बीच पाकिस्तान में बिजली दरों ने कहर बरपा दिया है। बढ़ी दरों का हर स्तर पर विरोध हाने के साथ ही जनता में काफी आक्रोश है और गृहयुद्ध की प्रबल आशंका व्यक्त की जा रही है।
बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने देश को दिवालिया होने से बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से ३ अरब डॉलर का कर्ज लिया है। आईएमएफ की शर्तों के मुताबिक पाकिस्तान सरकार को बिजली की दरें बढ़ानी होंगी। लेकिन, यह बढ़ोतरी ६४ रुपए प्रति यूनिट होने से देश में असंतोष है। हर तरफ विपक्ष का आंदोलन शुरू हो गया है। पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता की बिजली दरों में बढ़ोतरी से कमर टूट गई है। इस दर के कारण देश में कई जगहों पर हिंसा भड़क उठी है। साथ ही बिजली चोरी की घटनाएं भी बढ़ी हैं। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक कक्कड़ ने आपात बैठक बुलाकर ४८ घंटे के भीतर बिजली दरें कम करने का आदेश दिया है। हालांकि, अभी तक ऐसी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।