सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा नेता व उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने `इंडिया टूडे’ के कार्यक्रम में इस बात को स्वीकार किया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन खराब हुआ था। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को कमजोर कहना यह पूरी तरह से गलत विश्लेषण है। उन्होंने कहा कि जो लोग यह कह रहे हैं कि भाजपा लोकसभा चुनाव में कमजोर हो गई है, उन्हें दोबारा विश्लेषण करना सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ९ सीटें जीती है। १२ सीटों पर तीन फीसदी के कम वोटों के अंतर से हारी है। हमें सबसे अधिक वोट मिले हैं, ऐसा दावा फडणवीस ने किया। फडणवीस ने इस बात को स्वीकार किया कि पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव एक खराब प्रदर्शन था। हालांकि, हमने कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन हम अपनी सीटें ६ हजार, ४ हजार, १६ हजार के अंतर से हारे हैं। उन्होंने कहा कि हमने एक सीट को छोड़कर बाकी सीटें डेढ़ से दो लाख के अंतर से जीती हैं।
फडणवीस ने आगे कहा कि शिंदे गुट और अजीत पवार गुट से महायुति होने के बावजूद लोकसभा चुनाव में दोनों गुटों के वोट स्थानांतरित नहीं हुए। उन्होंने अप्रत्यक्ष रुप स्वीकार कि शिंदे-और दादा गुट के कारण बेड़ा गर्क हो गया। लोकसभा चुनाव में शिंदे गुट को अधिक वोट मिले, उसकी तुलना में अजीत पवार गुट को कम वोट मिले। उन्होंने यह भी कहा कि ये दोनों गुट एक तरह से बंटे हुए हैं।
इसलिए उनके लिए यह चुनाव अपने मतदाता बनाने के लिए था। उसमें से वोट हमारे पास ट्रांसफर करना कठिन काम था। भाजपा के लिए यह कोई मुश्किल काम नहीं था। भाजपा एक स्थिर पार्टी है। इसलिए भाजपा अपने विचार उनकी ओर मोड़ सकती है। लेकिन विधानसभा में ऐसा नहीं होगा। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिंदे-दादा गुट विधानसभा चुनाव में वोट भाजपा की तरफ शिफ्ट करने में जरूर कामयाब होंगे।