सामना संवाददाता / मुंबई
नागपुर में हिट एंड रन मामले की वजह से राज्य की कानून व्यस्था कितनी गिर गई है, ये दिखाई दे रहा है। इस तरह के मामलों को देखकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या वास्तव में प्रदेश में कानून व्यवस्था अस्तित्व में हैं। इस मामले में सबूतों को मिटाने की कोशिश हुई। भाजपा और सत्ताधारियों के लिए एक और विपक्ष के लिए दूसरा कानून होने का खेल इस समय राज्य में चल रहा है। इन सभी को देखते हुए अब लगने लगा है कि देवेंद्र फडणवीस गृहमंत्री पद पर बैठने के काबिल नहीं हैं। इस तरह का तोप दागते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने मांग की कि फडणवीस को नागपुर हिट एंड रन मामले में जानकारी देनी चाहिए।
मीडिया से मंगलवार को बातचीत करते हुए सांसद संजय राऊत ने नागपुर मामले को लेकर कहा कि देवेंद्र फडणवीस गृहमंत्री हैं, उन्हें इस हिट एंड रन की जानकारी देनी चाहिए। वह कार किसकी नाम पर है, दुर्घटना किसके गाड़ी से हुई। गाड़ी कौन चला रहा था। ड्राइवर की अदला-बदली की गई। यहां तक कि गाड़ी के नंबर प्लेट को निकाल लिया गया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और उनके परिवार का इस मामले से संबंध नहीं है तो यह लुका-छिपी क्यों की गई। इसकी जानकारी फडणवीस दें।
शहजादे को बचाने का प्रयास
संजय राऊत ने कहा कि कार चलानेवाले शहजादे नशे में धुत थे। उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है। गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस जिस नागपुर से आए हैं, उस शहर की ऐसी स्थिति हो गई है। संजय राऊत ने कहा कि यदि इस जगह अन्य दल के नेताओं के बेटे होते तो फडणवीस ने हमले पर हमला कर दिए होते। लेकिन यहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का बेटा नशे में धुत होकर गाड़ी चला रहा था। इस हादसे में दो लोग गंभीर रुप से घायल हुए हैं। वे मौत से जूझ रहे हैं, फिर भी एफआईआर में वाहन चालक का नाम तक शामिल नहीं किया गया। उसने चार गाड़ियों के परखच्चे उड़ा दिए। चार लोगों को कुचला है और दो की हालत गंभीर है। इसके बावजूद मामले को दबाने की कोशिश हो रही है।
…विपक्ष पर कार्रवाई का
नहीं है अधिकार
संजय राऊत ने कहा कि गाड़ी बावनकुले अथवा उनके बेटे की है। वह नशे में धुत होकर गाड़ी चला रहा है। अब ऐसे में कानून व्यवस्था के नाम पर विपक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने का भाजपा को नैतिक अधिकार नहीं है। देवेंद्र फडणवीस पद पर बैठने के काबिल नहीं हैं। संजय राऊत ने कहा कि जब तक राज्य के गृहमंत्री फडणवीस हैं, तब तक किसी भी अपराध की जांच नहीं होगी। जब तक रश्मि शुक्ला डीजी हैं, तब तक जांच नहीं होगी। कानून फडणवीस के सामने नाच रहा है। बावनकुले के बेटे ने सड़क पर दो लोगों को कुचल दिया और एफआईआर में नाम भी नहीं डाला गया। संजय राऊत ने कहा कि लाहोरी बार में लगे सीसीटीवी में शराब कौन पी रहा था। गाड़ी में कौन बैठा और उसे कौन चला रहा था, यह सब कुछ है। हालांकि, अब फुटेज उपलब्ध नहीं होंगे।
क्या यही है कानून व्यवस्था
यह मुद्दा बावनकुले या उनके बेटे का नहीं, बल्कि राज्य में कानून-व्यवस्था की बर्बादी का है। भाजपा और मोदी एक ही कानून की बात करते हैं। हालांकि, राज्य में ऐसा नहीं है। संजय राऊत ने गुस्से भरा सवाल पूछा कि क्या सत्तापक्ष और विपक्षी दल के लिए अलग-अलग कानून है? घटना की सीसीटीवी फुटेज गायब कर दी गई। कार की नंबर प्लेट बदली हुई थी। ड्राइवर बदल दिया। क्या राज्य में यही कानून है।