सामना संवाददाता / मुंबई
शरद पवार द्वारा वसंतदादा पाटील की सरकार गिराना कूटनीति है और शिंदे भी वैसा करें तो गद्दारी है! ये कैसा न्याय? उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस सवाल का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कल प्रत्युत्तर दिया है। मैंने १९७७ में वसंतदादा की सरकार पलट दी, तब फडणवीस प्राथमिक स्कूल में थे, उन्हें इतिहास नहीं मालूम है, ऐसा जबरदस्त तंज शरद पवार ने कसा है।
शरद पवार ने कल पत्रकार परिषद में देवेंद्र फडणवीस की टिप्पणी का दो टूक जवाब दिया। १९७७ में मैंने वसंतदादा की सरकार गिराई, तब अब की भाजपा और उस समय के तत्कालीन जनसंघ का समर्थन प्राप्त था। ‘मैंने सबको साथ लेकर सरकार बनाई थी और सरकार में जनसंघ के नेता को उपमुख्यमंत्री का पद दिया था।’ फडणवीस को यह इतिहास मालूम नहीं है इसलिए उन्होंने ऐसा बयान दिया, ऐसा शरद पवार ने कहा। देवेंद्र फडणवीस ने यह भी आरोप लगाया कि एनसीपी में ओबीसी को नेता पद नहीं दिया जाता है। इसको लेकर भी शरद पवार ने फडणवीस की जमकर खिंचाई की।
‘मधुकरराव पिचड, छगन भुजबल, सुनील तटकरे आदि ओबीसी नेता राष्ट्रवादी में प्रदेशाध्यक्ष पद पर रहे हैं इसलिए फडणवीस का बयान सच नहीं है। वह कितना पढ़ते हैं, मुझे नहीं पता लेकिन वह बिना ज्ञान लिए बयान देते हैं। अब लोगों को पता चल गया है, ऐसा शरद पवार ने कहा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने पटना में बैठक की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्ष को एक साथ बैठक करने की जरूरत क्यों पड़ी? इस पर शरद पवार ने कहा, इस तरह की टिप्पणी करना बचकाना है। महंगाई, गैरकानुनी कार्रवाई का विरोध करने और जाति-धर्म तनाव को रोकने के लिए एक साथ हम आए हैं। हमारी बैठक में प्रधानमंत्री पद को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई, ऐसा शरद पवार ने स्पष्ट किया। पटना की बैठक होते ही भाजपा ने मुंबई में अपने सहयोगी दलों की बैठक की। यानी तुम मीटिंग करो तो चलता है और दूसरे मीटिंग करें तो आलोचना की जाए, यह परिपक्व राजनीति नहीं, ऐसा उन्होंने कहा।