५०० एकड़ से अधिक भूमि पर लगभग २०,००० करोड़ रुपए की इस परियोजना के लिए राज्य सरकार ने १३ जुलाई को तुरंत जीआर भी जारी कर दिया।
सामना संवाददाता / मुंबई
‘ईडी’ का डर दिखाकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को तोड़नेवाले उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को वैâबिनेट विस्तार में अपना ही गृहनिर्माण विभाग खोना पड़ा। हालांकि, दिल्लीवालों के आदेशों का पालन करते हुए, गृहनिर्माण विभाग छोड़ने से एक दिन पहले २०,००० करोड़ रुपए की धारावी पुनर्विकास परियोजना को अलग से अडानी समूह की झोली में डाल दिया। इस संबंध में कम्युनिस्ट पार्टी के नेता प्रकाश रेड्डी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। फडणवीस के ‘अडानी’ कारोबार के उजागर होने से धारावी के आम लोगों और विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया है। जहां स्थानीय और विदेशी कंपनियां पिछले कई वर्षों से रुकी हुई धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए उत्सुक हैं, वहीं दिल्लीश्वर, राज्य सरकार और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अकेले ही धारावी पुनर्विकास परियोजना को अडानी समूह के हाथों में सौंप दिया है। मंत्रिमंडल विस्तार में गृह निर्माण विभाग अतुल सेव के खाते में जाने से पहले ५०० एकड़ से अधिक भूमि पर लगभग २०,००० करोड़ रुपए की इस परियोजना के लिए तुरंत जीआर जारी कर दिया।