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नालों की नकली सफाई, लोकल फिर लड़खड़ाई! …प्रशासन ने ‘पानी की तरह बहाया पैसा’, फिर भी नहीं हो पाई पानी की निकासी

सामना संवाददाता / मुंबई
बारिश के मौसम के आगमन के साथ ही शहर की जल निकासी व्यवस्था फिर एक बार असफल साबित हुई है। प्रशासन द्वारा नालों की सफाई के लिए बड़े पैमाने पर धन खर्च किया गया, लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। शहर के कई इलाकों में मामूली बारिश से ही जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मनपा और रेलवे द्वारा नालों की सफाई पर लाखों रुपए खर्च किए गए, लेकिन यह सफाई केवल कागजों पर ही सिमटकर रह गई। जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती हुई नजर आ रही है। कई इलाकों में नाले पूरी तरह से जाम हैं और बारिश का पानी सड़कों पर बह रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण उन्हें हर साल इसी स्थिति से गुजरना पड़ता है। ‘प्रशासन केवल दिखावे के लिए काम करता है, वास्तविकता में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते’ ऐसा एक स्थानीय निवासी ने कहा। प्रशासन की यह उदासीनता और नकली सफाई अभियान से नागरिकों का भरोसा प्रशासन पर से उठता जा रहा है। सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन केवल कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं और जनता की समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं।
रेल मंत्री का जायजा हुआ फेल
देशभर में बारिश के वक्त भी मुंबई शहर को अपने प्रोफेशनल आदत के लिए जाना जाता है। देश के अनेक हिस्सों में बारिश के वक्त कामकाज में ढीलापन देखने मिलता है, जबकि मुंबई की रोजमर्रा की जिंदगी पर शायद ही कोई प्रभाव पड़े। कल रेलवे ने सप्ताह के पहले दिन ही लोगों को उनके ऑफिस समय से पहुंचने में असमर्थता साबित कर दी। बारिश ने रेल मंत्री और रेलवे प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। मानसून से पहले रेलवे ने बड़े-बड़े दावे किए थे कि इस बार मुंबई की लोकल सेवाओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी, लेकिन मानसून की पहली बारिश ने ही इन दावों की हकीकत को उजागर कर दिया।
मेन और हार्बर लाइन पर सैकड़ों सेवाएं कैंसल
बारिश और मध्य रेलवे की सेवाओं ने यात्रियों को चिंता में डाल दिया। बता दें कि सोमवार को ट्रेन से रोजाना यात्रा करने वाले यात्रियों को यात्रा के लिए दूसरा विकल्प तलासने के लिए मजबूर होना पड़ा। पीक समय के दौरान मध्य रेलवे के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर लोगों की भीड़ में भारी कमी देखी गई। एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि कल मध्य रेलवे के कुल ७०० से ज्यादा सेवाएं प्रभावित हुई हैं, वहीं ६० प्रतिशत फास्ट लोकल रद्द की गर्इं। इसके अलावा हार्बर रूट पर कुल ४० सेवाएं प्रभावित हुई हैं। इसमें ३० लोकल आंशिक रूप से रद्द हुर्इं और १० लोकल गाड़ियों को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है।
हार्बर रूट भी हुआ प्रभावित
मानखुर्द से वडाला तक लोकल सेवा पूरी तरह बंद रही, जिससे हजारों यात्री फंसे रहे और उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह १०:३० से बंद हार्बर रूट के कुल ३० सेवाए प्रभावित हुर्इं, वही १० लोकल पूरी तरह कैंसल हुई है। इस विफलता ने साबित कर दिया है कि रेलवे प्रशासन और सरकार की तैयारियां केवल कागजों पर ही सीमित हैं। यह विफलता सिर्फ मानसून की बारिश की वजह से नहीं, बल्कि रेलवे और सरकार की लापरवाही का नतीजा है। हर साल करोड़ों रुपए मानसून तैयारियों के नाम पर खर्च किए जाते हैं, लेकिन परिणाम हमेशा निराशाजनक ही रहते हैं। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल भांडुप वॉटर लॉगिंग स्पॉट में नहीं था। यह इस साल हुआ है, जिसके वजह से मेन लाइन पर दिक्कत हुआ है। चुनाभट्टी हर साल अधिक बारिश में ऐसी स्थिति का सामना करता है, तो हमें उस बारे में जानकारी थी।

बारिश की मार का विधानमंडल के कामकाज पर पड़ा असर
मुंबई में कल सुबह कुछ घंटों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण मुंबई की लाइफ लाइन कही जानेवाली रेलवे सेवा चरमरा गई। सेंट्रल रेलवे लाइन पर कई जगहों पर बारिश का पानी जमा होने के कारण सुबह से ही लोकल ट्रेनों का शेड्यूल बिगड़ गया। इतना ही नहीं इसके चलते बाहर से आनेवाली लंबी दूरी की ट्रेनें भी ब्लॉक हो गई हैं। इसका सीधा असर आम रेल यात्रियों के साथ-साथ विधायक और मंत्रियों पर भी पड़ा। राज्य के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास मंत्री अनिल पाटील और विधायक अमोल मिटकरी को रेलवे ट्रैक पर चलने की नौबत आ गई, क्योंकि वे जिस एक्सप्रेस ट्रेन से आ रहे थे, वो बारिश के पानी के कारण सायन स्टेशन के पास ट्रैक पर फंस गई थी।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को अमोल मिटकरी और अनिल पाटील का एक वीडियो सामने आया। इसमें अमोल मिटकरी अपनी स्थिति के बारे में जानकारी दे रहे थे कि हम जिस एक्सप्रेस ट्रेन में हैं उसमें आठ से दस विधायक और फंसे हुए हैं। बारिश के कारण मुंबई में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
महालक्ष्मी एक्सप्रेस से कई विधायक आ रहे थे मुंबई
कल विधानमंडल के मानसून सत्र के आखिरी सप्ताह की शुरुआत हो गई। इसके लिए कई विधायक महालक्ष्मी एक्सप्रेस से मुंबई आ रहे थे। हालांकि रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने के कारण महालक्ष्मी एक्सप्रेस मध्य रेलवे के अंबरनाथ स्टेशन के पास फंस गई, जिस कारण सभी विधायक इस ट्रेन में फंस गए थे। इसी तरह नागपुर से विधानमंडल सत्र में शामिल होने के लिए निकले विधायक नागपुर एयरपोर्ट पर फंस गए।
समय पर नहीं पहुंचे विधायक, कामकाज हुआ स्थगित
रविवार को मुंबई और आस-पास के शहरों में मूसलाधार बारिश के कारण भारी जलजमाव से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। इसका असर आम लोगों से लेकर खास लोगों पर भी पड़ा। इससे विधानमंडल का कामकाज भी अछूता नहीं रहा। दोनों सदनों के सदस्य विधान भवन में समय पर नहीं पहुंच सके। इसके चलते दोनों सदनों के कामकाज को स्थगित कर दिया गया। बताया गया कि विधान परिषद का कामकाज कल केवल करीब दो घंटे तक चला, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुर्इं।

२६ जून, २०२४ को आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा की शिकायत के बावजूद कि कुर्ला कारशेड नाले को साफ नहीं किया गया था। मध्य रेलवे और मनपा प्रशासन ने नाले को साफ करने की जिम्मेदारी एक दूसरे पर थोपने से मध्य रेलवे की पटरी पर पानी आने से रेलवे की सेवा लड़खड़ाई। आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि २६ जून को कुर्ला कारशेड नाले के पास वाली सड़क से कुर्ला स्टेशन की ओर जा रहे थे। इस संबंध में अनिल गलगली ने ट्वीट कर रेलवे और मनपा प्रशासन से अनुरोध किया है कि नाले को साफ किया जाए अन्यथा रेल सेवा बाधित हो सकती है। गलगली ने कहा कि मध्य रेलवे और मनपा प्रशासन अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभाया और नाले की सफाई नहीं हुई और पानी पटरियों पर आ गया।

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