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झूठी भाजपा, झूठा वादा… लोकसभा चुनाव में ५ लाख लोग भाजपा को नहीं देंगे वोट!

राजस्थान में झूठे वादों से रूठा जाट समाज
कांग्रेस को समर्थन देने का किया एलान

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
राजस्थान में विकास की लहर लाने का वादा करने वाली भाजपा सरकार लोगों को गुमराह कर और वोट पाकर सत्ता में भले ही आ गई हो, लेकिन अब धीरे-धीरे झूठी भाजपा का असली चेहरा सामने आ रहा है और यही वजह है कि अब लोग भाजपा से नाराज नजर आ रहे हैं। दरअसल, पार्टी नेताओं के खोखले वादों और झूठे आश्वासनों से तंग आकर करीब ५ लाख लोगों ने भाजपा को वोट नहीं करने का पैâसला किया है। इन लोगों ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है। मामला जाट आरक्षण आंदोलन से जुड़ा है। राजस्थान के दो जिले-भरतपुर और धौलपुर के जाट केंद्र की सरकारी नौकरी में ओबीसी आरक्षण के लिए लंबे समय से आंदोलनरत हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को यह बड़ा झटका लगा है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों संग बातचीत कर इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश भी की थी। जयपुर के बाद दिल्ली में भी जाट प्रतिनिधियों की सरकार के साथ बैठक भी हुई, लेकिन आरक्षण का लाभ अभी तक इन्हें नहीं मिला।
कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव देंगे समर्थन
ऐसे में अब लोकसभा चुनाव से पहले भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा सेवर पंचायत समिति के गांव कूम्हा में महापंचायत का आयोजन कर भाजपा को वोट नहीं देने की घोषणा की गई। इस महापंचायत में कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव भी मौजूद रहीं। जाट आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार द्वारा महापंचायत में पधारे जाट समाज के लोगों ने गंगाजल उठाकर भाजपा के पक्ष में वोट नहीं देने की शपथ दिलाई और कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव को लोकसभा चुनाव में समर्थन देने की घोषणा की।
भाजपा को हो सकता है भारी नुकसान
बता दें कि लोकसभा चुनाव में जाट समाज का वोट अहम है, क्योंकि जाट समाज के करीब ५ लाख के आसपास वोट हैं, जो लोकसभा चुनाव प्रत्याशी को हारने और जीतने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। कांग्रेस सरकार में पूर्व वैâबिनेट मंत्री रहे विश्वेंद्र सिंह राज परिवार से आते हैं। जाट समाज की नाराजगी के कारण भाजपा को राजस्थान की दो लोकसभा सीटों भरतपुर, धौलपुर में नुकसान हो सकता है। इन दोनों जिलों के जाटों को राज परिवार से होने के कारण अभी तक आरक्षण का लाभ नहीं मिला है।

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