– यात्रियों को हो रही भारी परेशानी
सामना संवाददाता / मुंबई
भारतीय रेल द्वारा त्योहारी सीजन के दौरान चलाई जा रही विशेष ट्रेनों के बावजूद यात्रियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अक्टूबर १ से ५ नवंबर २०२४ तक लगभग ७.५ करोड़ लोग यात्रा कर चुके हैं, जबकि भारतीय रेल ने इस साल ७,६०० से अधिक विशेष ट्रेनें चलाने का दावा किया है। बावजूद इसके यात्रियों की भारी संख्या के कारण रेलवे की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
छठ और दिवाली के दौरान यात्री भीड़ में खड़े हो सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करने पर मजबूर है।
रेलवे द्वारा मिली जानकारी के अनुसार ४ नवंबर, २०२४ को भारतीय रेल ने २४ घंटे में १२ करोड़ से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाया। यह आंकड़ा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की कुल जनसंख्या से भी अधिक है, लेकिन इस भारी यात्री भार के चलते ट्रेनों में भारी भीड़ और अनहोनी घटनाएं हो रही हैं। विशेष ट्रेनों के बावजूद, ज्यादातर गैर-आरक्षित डिब्बों में यात्रियों की हालत खराब है। यात्रियों का कहना है कि ट्रेनों में जगह नहीं मिलती और प्लेटफॉर्म पर भीड़-भाड़ के कारण यात्रा असुरक्षित हो गई है।
पश्चिम रेलवे ने यात्रियों की सुविधाओं के लिए ६ नवंबर को १८ और ७ नवंबर को १४ विशेष ट्रेनें चलाने की घोषणा की है, लेकिन इन विशेष ट्रेनों की संख्या यात्रियों की मांग के मुकाबले बहुत कम साबित हो रही है। इस बीच, अतिरिक्त कोच जोड़ने के बावजूद, यात्रियों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे उनकी यात्रा अनुभव में कोई खास सुधार नहीं हो रहा।
रेलवे ने समय पालन सुनिश्चित करने और यात्रियों की शिकायतों का समाधान करने के लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किए हैं, लेकिन यात्रियों की परेशानियों में कोई कमी नहीं आ रही है। विभिन्न सूचना माध्यमों और सार्वजनिक उद्घोषणा के बावजूद यात्रियों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है, जिससे यात्रा में और अधिक तनाव बढ़ रहा है। त्योहारी सीजन में भारतीय रेल को अपनी सेवाओं में सुधार की सख्त जरूरत है, ताकि यात्रियों को राहत मिल सके और उनकी यात्रा सुगम हो सके।