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तेज ओलावृष्टि से टमाटर के साथ किसानों की किस्मत फूटी! …बेमौसम बारिश से लाखों का हुआ नुकसान

इमरान खान / छिंदवाड़ा
अप्रैल और अब मई माह की शुरुआत में मध्य प्रदेश के कई जिलों के साथ-साथ छिंदवाड़ा में भी तेज बारिश और ओले गिरने से सब्जी उत्पादन जिले के किसानों के सपने चूर-चूर हो गए। मई में ३५ से ४० डिग्री तापमान पर टमाटर, गोभी, करेला, गिलकी, फर्रसबीन, भिंडी और शिमला मिर्च के साथ ही टिंडे की भरपूर खेती होती है। साथ ही इस साल पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती हवाओं से पूरे प्रदेश का मौसम बिगड़ गया और अप्रैल महीने में ९ दिन अच्छी खासी बारिश दर्ज की गई। यहां कि टमाटर की फसल पर ओलों की ऐसी मार पड़ी की पूरे फल पौधों सहित बैठ गए और फूट गए हैं, जिससे किसानों की किस्मत भी फूट गई है।
इस बारिश से छिंदवाड़ा जिले में तापमान में भारी गिरावट आई है लेकिन ओले पड़ने की वजह से टमाटर के उत्पादन करने वाले किसानों का लाखों का नुकसान हो गया है। बता दें कि अच्छे तापमान पर फलने-फूलने वाली सब्जियों की हालत खराब हो गई, वहीं रही-सही कसर ओलों की बरसात ने पूरी कर दी। मौसम के अचानक बदले तेवर से छिंदवाड़ा की मोहखेड़ तहसील के सांवरी सर्किल में एक दर्जन से ज्यादा गांव में आंवले के आकार के मोटे ओले गिरने से टमाटर की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई।
करेला भी कड़वी हो गई
छिंदवाड़ा जिले की उमरेठ तहसील के सब्जी उत्पादक क्षेत्र मोरडोंगरी के लगभग दस गांव में ओलावृष्टि से सब्जियों को जबरदस्त नुकसान हुआ है। इसी तरह ओलावृष्टि से छिंदवाड़ा जिले के बदनूर क्षेत्र में सब्जी उत्पादक किसानों की फसल चौपट हो गई, जिससे लाखों रुपए की क्षति हुई है। गोभी की पत्तियां तार-तार हो गई हैं और करेला और गाजर भी बर्बाद हो गए। कुल मिलाकर किसानों की हालत बेहद खराब है। उन्होंने प्रदेश सरकार से तत्काल राहत की मांग की है। गौरतलब है छिंदवाड़ा की सब्जियां नागपुर होते हुए महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में भी भेजी जाती है। यहां की सब्जियों की अच्छी क्वालिटी के चलते काफी मांग है।

 

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