मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
बरेली में छुट्टा पशु, बिजली बिलों में गड़बड़ी, बकाया गन्ना मूल्य तथा एमएसपी की गारंटी न मिलने के मुद्दों पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को कमिश्नरी में प्रदर्शन किया। इस दौरान किसान नेताओं ने आंदोलन की हुंकार भरी। भाकियू की युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि सरकार चार साल से किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं कर रही बल्कि किसान संगठनों को तोड़ने में लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब से दस साल पहले कह रहे थे कि हमारी सरकार आएगी तो गन्ने का मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल देंगे, लेकिन अब उस पर बात नहीं करते। यूपी में भी गन्ना मूल्य का मुद्दा है। किसान छह अक्तूबर को महात्मा महेंद्र सिंह टिकैत की जयंती पर लखनऊ में एकत्र होंगे और मुद्दे उठाएंगे।
गौरव टिकैत ने कमिश्नरी में आने से पहले गोविंद बल्लभ पंत पार्क में पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं और बरेली जिले के विभिन्न हिस्सों से आए किसानों की महापंचायत को संबोधित किया। उन्होंने बारिश में फसलें खराब होने और क्षतिपूर्ति न मिलने का मुद्दा उठाया। बिजली फ्री दिए जाने के बाद नलकूपों पर मीटर लगाए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली वाले आंदोलन के समय तीन काले कानून वापस हुए तब एक समझौता हुआ जिसमें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानून लाने की बात हुई थी लेकिन इसके बाद कोई कानून नहीं बना। उत्तर प्रदेश में बिजली फ्री देने की बात सरकार ने कही थी लेकिन अब मीटर लगाए जा रहे है। इसका मतलब क्या है।