सामना संवाददाता / मुंबई
ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं को विनियमित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक नई समिति का गठन किया गया है। कमेटी की तरफ से नागरिकों से फीडबैक मांगा गया था। हालांकि, बहुत कम प्रतिक्रिया के कारण परिवहन विभाग ने फीडबैक दर्ज करने की समय सीमा बढ़ाने का पैâसला किया है। इससे मुंबईकर अब २० मई तक अपने सुझाव और फीडबैक दर्ज करा सकेंगे।
परिवहन विभाग ने महाराष्ट्र मोटर व्हीकल एग्रीगेट रेगुलेशन बनाने के लिए नागरिकों की राय और फीडबैक मांगा था। फीडबैक जमा करने की आखिरी तारीख ९ मई थी। ९ मई तक केवल १५० फीड प्राप्त हुए हैं। यह प्रतिक्रिया बहुत कम है। इसी के चलते समय सीमा को बढ़ाया गया है, ताकि ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं का उपयोग करनेवाले अधिक यात्री इसमें भाग लें।
ड्राइवर के शोषण को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं का अधिकतम किराया, वाहन बुक करने के बाद वैंâसिलेशन शुल्क तय करने के लिए नियम तैयार किए जा रहे हैं। रिटायर्ड चार्टर्ड ऑफिसर सुधीर कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर रेगुलेशन तैयार किया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने ओला, उबर और दूसरी एग्रीगेटर कंपनियों के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं। केंद्र की तर्ज पर राज्य में `महाराष्ट्र मोटर व्हीकल एग्रीगेट रूल्स’ बनाए जाएंगे। इस बीच सात साल पहले चार्टर्ड ऑफिसर खटुआ की अध्यक्षता वाली कमेटी ने सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर दिया। इस बीच सरकार द्वारा रिपोर्ट को खारिज करने का सही कारण नहीं बताया गया है।