मुंबई। ‘डिजिटल अरेस्ट’ के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी कड़ी में एक बार फिर मुंबई से इसी तरह की एक घटना सामने आई है, जिसमें साइबर अपराधियों ने एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत ५७ वर्षीय डॉक्टर को ‘डिजिटल अरेस्ट’ का शिकार बनाकर उसको ७ करोड़ रुपए का चूना लगा दिया। शिकायतकर्ता महिला को बताया गया कि उनके नाम पर एक सिम कार्ड एक बैंक खाते से जुड़ा हुआ है, जो मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के दौरान पाया गया है। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपियों ने उन्हें कथित ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा। इसके अलावा पीड़ित डॉक्टर ने कहा कि २४ जुलाई को जब वह अस्पताल में थीं, जब उन्हें एक मोबाइल फोन से आईवीआर कॉल आया। उन्हें कहा गया कि उनका फोन नंबर ‘संदिग्ध गतिविधि’ में शामिल है और इसलिए उनका सिम कार्ड निष्क्रिय कर दिया जाएगा। सिम कार्ड को चालू रखने के लिए, उन्हें ‘९’ बटन दबाने के लिए कहा गया। उन्होंने और एक व्यक्ति की आवाज सुनी, जिसने खुद को कोलाबा पुलिस स्टेशन से पुलिस इंस्पेक्टर विजय खन्ना के रूप में परिचय दिया। खन्ना ने डॉक्टर से कहा कि उनका मोबाइल नंबर एक बैंक खाते से जुड़ा हुआ है, जो मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच के अधीन है और उनसे कोलाबा पुलिस स्टेशन आने के लिए कहा। जब उन्होंने कहा कि वे अपने वरिष्ठों को सूचित करके आएंगी, तो खन्ना ने उन्हें पुलिस स्टेशन न आने और घर जाने का निर्देश दिया।