स्वतन्त्रता दिवस की बेला में,
सूरज ने ली अंगड़ाई,
फिर लाल किले की प्राचीर से,
गुजरेंगे मधुर शहनाई ।
आजादी के पर्व से ओतप्रोत,
हुआ हिंदुस्थान हमारा,
हर जगह गूंज रहा जन-न में,
वन्दे मातरम् का नारा ,
जय हिंद और भारत माँ की जय,
चहुंओर दे रहा सुनाई।
फिर लाल किले की प्राचीर से,
गूंजेगा मधुर शहनाई।
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आजादी मिली जिनके कारण,
हम उनको कभी ना भुले,
पाने को वतन ए आजादी,
जो वीर फाँसी पे झूले ।
फिरंगियों के नाको चने चबा,
हो गये शहीद प्यारे भाई।
फिर लाल किले की प्राचीर से
गूजेगी मधुर शहनाई ।
पूरन ठाकुर जबलपुरी
कल्याण ईस्ट