• घुसपैठ की फिराक में हैं दो दर्जन से अधिक आतंकी
सामना संवाददाता / जम्मू
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से आतंकी हमले होते रहते हैं। पाकिस्तान के फिदायीन यानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और उसके द्वारा पाले गए आतंकी संगठन पुलवामा २.० की फिराक में हैं। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वीबीआईईडी (शक्तिशाली आईईडी से लैस वाहन) के जरिए जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे या किसी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान पर हमला कर सकते हैं। इस बात की भनक लगते ही प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, एलओसी के पार पीओके के अग्रिम सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी सेना ने कई लांचिंग पैड तैयार किए हैं। इन पर दो दर्जन से अधिक आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए तैयार रखा गया है। इन आतंकियों को अलग-अलग ग्रुपों में तैयार किया गया है। खुई रट्टा में पांच, नौगाम सेक्टर में बॉर्डर के करीब खरजन में चार, खुई रट्टा में पांच और उड़ी-बारामुला में उस पर जंगल में पांच आतंकी पूरी तरह से भारत में घुसपैठ के लिए तैयार हैं। सूत्रों की मानें तो इन आतंकियों के पास ऑटोमैटिक हथियार हैं और पिछले कुछ हफ्ते में बॉर्डर के उस पार के इलाकों इनकी गतिविधिया भी देखी गई हैं।
जैश व लश्कर कैडर से संबंधित हैं आतंकी
सूत्रों के मुताबिक, बॉर्डर पार से भारत में घुसपैठ करने की तैयारी में बैठे ये आतंकी अफगानिस्तान से लौटे हैं और लैश व लश्कर से संबंधित हैं। आतंकियों की घुसपैठ को लेकर सुरक्षाबलों ने अपनी गश्ती बढ़ा दी है। बॉर्डर के आस-पास हर छोटी-बड़ी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। दरअसल, कश्मीर में बॉर्डर के इलाकों के लिए गर्मी के तीन-चार महीने काफी अहम होते हैं। ठंड और बर्फ कम होने के बाद आतंकी इन्हीं महीनों में घुसपैठ को अंजाम देते हैं। इसके बाद जब ठंड शुरू होती है तो घुसपैठ करना मुश्किल हो जाता है।
२०१९ में हुआ था पुलवामा अटैक
करीब चार साल पहले १४ फरवरी २०१९ को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था। ये हमला भारत में हुए बड़े आतंकी हमलों में से एक था। इस हमले में भारत के ४० जवान शहीद हो गए थे, जबकि कई घायल हो गए थे। बता दें कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर सीआरपीएफ का काफिला जा रहा था। इस काफिले में अधिकतर बसें थीं, जिनमें जवान बैठे थे। यह काफिला जब पुलवामा पहुंचा, तभी दूसरी तरफ से एक कार आई और काफिले की एक बस में टक्कर मार दी। जिस कार ने बस में टक्कर मारी, उसमें भारी मात्रा में विस्फोटक रखा था। ऐसे में टक्कर होते ही विस्फोट हुआ और इसमें सीआरपीएफ के ४० जवान शहीद हो गए।
पुंछ हमले में ५ जवान शहीद
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारतीय सेना के जिस वाहन में आग लगने से पांच जवान शहीद हो गए थे। असल में उस वाहन पर आतंकी हमला हुआ था। सेना की तरफ से देर शाम घटना को लेकर आधिकारिक जारी बयान में कहा गया कि सेना के वाहन पर आतंकी हमला हुआ था। सेना की तरफ से कहा गया कि बेर गली और पुंछ के बीच चल रहे सेना के वाहन पर भारी बारिश और कम विजिबिलटी का फायदा उठाते हुए अज्ञात आतंकवादियों ने गोलीबारी की। ऐसी आशंका जताई गई है कि आतंकवादियों की ओर से ग्रेनेड फेंकने के कारण वाहन में आग लग गई। उस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन पीपुल्स एंटी-फ़ासिस्ट प्रâंट पीएएफएफ ने ली थी। पीएएफएफ पाकिस्तान बेस्ड आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ही बदला हुआ रूप है, जो पहले भी कई हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है।
नए साल के पहले दिन आतंकी हमला
जम्मू-कश्मीर के राजौरी और श्रीनगर के जदीबल इलाके में नए साल के पहले दिन आतंकियों ने हिंदू परिवारों पर फायरिंग कर दी थी। इस हमले में ९ लोगों की मौत हो गई। बता दें कि आतंकियों ने राजौरी जिले के डांगरी गांव में १ जनवरी की शाम फायरिंग की थी। इस हमले में ४ हिंदुओं की जान चली गई थी और ७ घायल हुए थे। लोगों ने बताया कि आतंकी हमारे घरों में आए और आधार कार्ड देखकर दनादन गोलियां बरसा दीं। उनके टारगेट पर बाहरी लोग थे। इस घटना को २४ घंटे भी नहीं हुए थे कि इसी गांव में एक बार फिर आईईडी ब्लास्ट हुआ और दो बच्चियों की मौत हो गई। इस वारदात में ४ लोग घायल भी हुए थे। धमाका उन ३ घरों में से एक में हुआ, जहां रविवार शाम आतंकवादियों ने फायरिंग की थी।
पुंछ आतंकी हमले के पीछे तालिबान? भारतीय खुफिया एजेंसी के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार पुंछ आतंकी हमले में इस्तेमाल किया गया गोला-बारूद तालिबान शासित अफगानिस्तान के रास्ते से भारत लाया गया था। अधिकारियों के मुताबिक, कुछ दिनों पहले ऐसी जानकारी प्राप्त हुई थी कि हथियार और असलहे की भारतीय सीमा के भीतर लाए जाने की बात सुनने में आ रही थी, जो अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते लाए जा रहे हैं। खुफिया एजेंसी अब सूचनाओं की पुष्टि करने और तथ्यों को स्थापित करने में जुटी हुई है। भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा इस बात की पहले से ही आशंका जताई जा रही थी कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद इसका असर जम्मू-कश्मीर पर देखने को मिल सकता है और यहां उसकी आतंकी गतिविधियां बढ़ सकती हैं।
जम्मू से पठानकोट तक रेड अलर्ट
आतंकी हमले की साजिश की जानकारी मिलते ही भारतीय सेना मुस्तैद हो गई है। पठानकोट से लेकर जम्मू के रतनूचक तक रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षा बलों के लिए विशेष हिदायतें जारी कर दी गई हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आर्मी पब्लिक स्कूल में सुरक्षा कारणों से अवकाश घोषित कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि सैन्य वाहनों को भी निशाना बनाया जा सकता है। इस वजह से अकेले सैन्य वाहनों के मूवमेंट पर रोक लगा दी गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि किसी भी बाजार अथवा अन्य स्थानों पर सैन्य वाहन पार्क न किए जाएं। इन सबके मद्देनजर एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं।