सामना संवाददाता / मुंबई
बहु प्रतीक्षित लोअर परेल के डिलाइसल पुल की एक लेन को वाहन चालकों की अवाजाही के लिए खोल दिया गया है। पश्चिम की ओर जाने वाली लेन लोअर परेल, वर्ली, प्रभादेवी और करी रोड, भायखला क्षेत्रों को जोड़ती है। मार्ग की इस लेन के खुलने से लोगों को बड़ी राहत मिली है, जबकि पूर्व की ओर जाने वाला लेन अगले महीने की अंतिम तारीख तक पूरा हो जाएगा और फिर इसे पूरी क्षमता से यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।
प्राप्त जनकारी के अनुसार, लोअर परेल वेस्ट में सेनापति बापट मार्ग जंक्शन से गणपतराव कदम मार्ग, उर्मी एस्टेट और पेनिनसुला कॉरपोरेट पार्क तक की लेन को यातायात के लिए खोल दिया गया है। इसके शुरू होने के साथ ही यहां पूर्व-पश्चिम की आवाजाही के लिए लोगों ने राहत की सांस ली है। मनपा ने वर्ष २०१८ में इस पुल को तोड़ने का काम शुरू किया था। जनवरी २०२० में इसके लिए वर्कऑर्डर जारी किया गया था। अब अगले महीने तक इसका काम पूरा हो जाएगा।
पैदल चलने वालों की सुरक्षा के लिए फुटपाथ
लोअर परेल में पुल का पुनर्निर्माण कार्य पश्चिम रेलवे और मनपा ने मिलकर किया है। दूसरे लेन पर कंक्रीटाइजेशन, रंगाई-पुताई और साज-सज्जा के काम बाकी हैं। यहां पुल पर पादचारियों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से पुल से सटा कर फुटपाथ का निर्माण किया गया है। भविष्य में इस पर जनता के लिए कुल ४ सीढ़ियां व दो एस्केलेटर बनवाकर उक्त फुटपाथ को जोड़ा जाएगा। पुल के नीचे क्रॉसिंग के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध होगी और साइड सर्विस लेन भी पहले से ज्यादा चौड़ी बनाई जा रही है।
पुल की विशेषता
लोअर परेल ब्रिज के पुनर्निर्माण कार्य में पश्चिम रेलवे की पटरियों पर ९० मीटर लंबाई और १,१०० टन वजन के दो गर्डर लगाए गए हैं, जो पूरी परियोजना के सबसे चुनौतीपूर्ण कार्यों में से एक था। इस पुल के निर्माण के लिए २२५ करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा है, जिसमें से १३८ करोड़ मनपा तो ८७ करोड़ रुपए पश्चिम रेलवे खर्च कर रही है। वर्तमान में लोअर परेल ब्रिज का ८७ प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और शेष काम जुलाई २०२३ के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है
इस पुल के निर्माण को लेकर शिवसेना (अब की शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस पुल को जर्जर घोषित किए जाने के बाद तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार ने इसके निर्माण काम को जल्द शुरू करने का निर्देश दिया था। उस सरकार में मंत्री रहे आदित्य ठाकरे ने इस पुल के निर्माण को लेकर कई महत्वपूर्ण बैठकें की थीं और मनपा को निधि की कमी न होने का भरोसा दिलाया था।