• सूरत कोर्ट द्वारा सजा सुनाने के बाद २४ घंटों में लोकसभा सचिवालय ने लिया फैसला
• देशभर में आक्रोश, जगह-जगह उग्र प्रदर्शन
• कांग्रेस का ‘डरो मत’ अभियान
सामना संवाददाता / मुंबई
आखिरकार, मोदी सरकार ने राजनीतिक दांव साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द कर दी। जनप्रतिनिधि कानून के तहत यदि सांसद और विधायक को दो अथवा उससे अधिक साल की सजा हुई हो तो उनकी सदस्यता को रद्द किया जाता है। सूरत सत्र न्यायालय ने गुरुवार को राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई और उसके २४ घंटे के भीतर ही लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया। जिस तत्परता से यह कार्रवाई हुई, उसे लेकर अब सभी विरोधी दलों ने संदेह व्यक्त करना शुरू कर दिया है। साथ ही भाजपा और मोदी सरकार की इस राजनीतिक बदले के नाटक का तीव्र विरोध किया है। इस बीच राहुल की संसदीय सदस्यता रद्द किए जाने से देशभर में नाराजगी व्यक्त हो रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कल सड़कों पर उतरकर जगह-जगह प्रदर्शन किया।
अडानी मामले में राहुल गांधी ने भाजपा और मोदी सरकार को अच्छी तरह से दिक्कतों में लाकर खड़ा कर दिया है। राहुल के विदेश में दिए गए बयान पर माफी मांगे जाने की मांग करते हुए भाजपा के सांसदों ने करीब ३ सप्ताह तक संसद के कामकाज को चलने ही नहीं दिया। राहुल को लोकसभा में बोलने ही नहीं देना है, ऐसा भी एक भाजपा का हेतु होने का कांग्रेस आरोप कर रही है। दूसरी तरफ विरोधियों ने भी मांग की है कि अडानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति के मार्फत जांच कराई जाए।
राहुल गांधी निशाने पर
भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। मोदी सरकार की तरफ से राहुल की आवाज को दबाने का प्रयास शुरू हो गया था। लोकसभा में हमें बोलने नहीं देते। माइक बंद किया जाता है, इस तरह का आरोप राहुल के सीधे ब्रिटेन में सांसदों के सामने लगाए जाने से भाजपा बहुत अधिक ही आक्रोशित हो गई है। इसी के तहत संसद का कामकाज करीब ३ सप्ताह तक रोक कर रखा, वहीं दूसरी तरफ ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के दौरान श्रीनगर में दिए गए बयान की जांच करने के नाम पर राहुल गांधी के निवास स्थान में दिल्ली पुलिस को घुसाया गया था। उसी समय राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने की हलचल भी भाजपा ने शुरू कर दी थी।
२०१९ में ‘वो’ बयान
राहुल गांधी ने साल २०१९ में कर्नाटक में बोलते हुए ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों?’, ऐसा बयान दिया था। कर्नाटक में दिए गए उस बयान के खिलाफ गुजरात में भाजपा विधायक पूर्णिश मोदी ने सूरत सत्र न्यायालय में याचिका दायर की थी। गुरुवार को न्यायालय ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए २ साल की सजा सुनाई और ३० दिनों की जमानत भी दी।
लोकसभा अध्यक्ष की तत्परता
पहले से ही चर्चा थी कि जनप्रतिनिधि कानून के तहत राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता रद्द होगी। हालांकि, सत्र न्यायालय का पैâसला आते ही लोकसभा अध्यक्ष ने जो तत्परता दिखाई और राहुल गांधी को लोकसभा से बाहर निकालने की जल्दबाजी की, उस तत्परता पर ही अब विरोधियों ने संदेह व्यक्त किया है। इससे पहले इस कानून के तहत कुछ सांसदों पर कार्रवाई हुई है। लेकिन वह २४ घंटों के भीतर नहीं, इस तरफ भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
मोदी के खिलाफ मानहानि का दावा
२०१८ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी को ‘शूर्पणखा’ कहा था। अब चौधरी ने मोदी के खिलाफ मानहानि का दावा दायर करने की घोषणा की है। चौधरी ने ट्वीट किया है कि अब देखते हैं कि अदालत इस मामले में कितनी तेजी से पैâसला लेती है। उन्होंने लोकसभा में मोदी के भाषण का वीडियो भी शेयर किया है।
अब आगे क्या…?
१) लोकसभा सचिवालय द्वारा राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता रद्द किए जाने के बाद वायनाड निर्वाचन क्षेत्र की सीट रिक्त हो गई है। चुनाव आयोग अब यहां उपचुनाव घोषित कर सकता है। राहुल गांधी को दिल्ली के सरकारी निवास स्थान को भी खाली करने का आदेश लोकसभा प्रशासन दे सकता है।
२) सूरत सत्र न्यायालय के इस पैâसले को यदि ऊपरी अदालत ने कायम रखा तो राहुल गांधी अगले ८ वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
३) राहुल गांधी ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं। कांग्रेस का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव आयोग से चर्चा करके ही संसदीय सदस्यता रद्द कर सकते हैं, इसीलिए ही राहुल की संसदीय सदस्यता रद्द करना असंवैधानिक है।
डरो मत!
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर ‘डरो मत’ अभियान शुरू किया है। पार्टी के ट्विटर हैंडल पर भी इसका उल्लेख है। देश भर में कल जगह-जगह पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। उसमें भी ‘डरो मत’ के पोस्टर दिखाई दिए। दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर जिस समय प्रदर्शन हो रहा था, उस समय कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हाथापाई हुई। जम्मू में भी आंदोलन किए गए हैं, जबकि कर्नाटक में प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को पुलिस ने हिरासत में लिया।
राजभवन का घेराव
राजस्थान में भी कांग्रेस ने उग्र रूप से प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने जयपुर स्थित राजभवन को घेर लिया। उसमें कई मंत्री भी शामिल हुए थे। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनौती दी है कि नीरव मोदी और ललित मोदी ये चोर नहीं हैं, ऐसा भाजपा सीना ठोककर कहे। हिमाचल विधानसभा में भी कल जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने राहुल गांधी मामले पर चर्चा की मांग भी की। हालांकि, मांग न माने जाने से सदन में जमकर हंगामा हुआ। इसके चलते सदन का कामकाज सोमवार तक स्थगित कर दिया गया।